सन्दर्भ:
: असम के माजुली द्वीप (Majuli Island) जिले में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष (HWC- Human Wildlife Conflict) पर हाल ही में किए गए छह दिवसीय सर्वेक्षण से चिंता उत्पन्न हुई है।
माजुली द्वीप के बारे में:
: अक्सर असम की आत्मा कहे जाने वाला माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
: यह असम के हृदय में स्थित है, जो 421 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
: यह द्वीप दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तर में सुबनसिरी नदी से मिलने वाली ब्रह्मपुत्र की एक शाखा खेरकुटिया ज़ुती द्वारा निर्मित है।
: 2016 में यह भारत का पहला जिला बनने वाला द्वीप बन गया।
: इस द्वीप के परिदृश्य में हरियाली, जल निकाय और धान के खेत हैं।
: यह द्वीप असमिया नव-वैष्णव संस्कृति का केंद्र भी रहा है, जिसकी शुरुआत 16वीं शताब्दी के आसपास महान असमिया संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव और उनके शिष्य माधवदेव ने की थी।
: उन्होंने सत्रों (मठवासी संस्थानों) की परंपरा शुरू की, और इन सत्रों ने सत्त्रिया नृत्य, साहित्य, भोना (रंगमंच), नृत्य रूपों, मुखौटे बनाने और नाव बनाने की कला को संरक्षित किया है।
: द्वीप के ज़्यादातर निवासी तीन जनजातियों-मिशिंग, देवरी और सोनोवाल कचारी से संबंधित हैं, जबकि बाकी गैर-आदिवासी असमिया हैं।
: सत्रों या वैष्णव मठों के अलावा, माजुली मुखौटा बनाने के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ मिट्टी के बर्तन बनाने की परंपरा है।
: चावल की खेती माजुली के निवासियों की प्राथमिक आजीविका है, इस क्षेत्र में चावल की कई अनूठी किस्में उगाई जाती हैं, जैसे कोमल साउल और बाओ धान।