सन्दर्भ:
: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय स्थानीय महत्व के महत्वपूर्ण स्थान मदकू द्वीप (Madku Island) में विकास पहलों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है।
मदकू द्वीप के बारे में:
: यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शिवनाथ नदी (महानदी की सबसे लंबी सहायक नदी) के तट पर स्थित है।
: इसका नाम मदकू इसलिए पड़ा क्योंकि यह द्वीप मेंढक के आकार का है।
: इसका क्षेत्रफल लगभग 24 हेक्टेयर है।
: मदकू द्वीप को केदार तीर्थ और हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप के नाम से जाना जाता है।
: इस द्वीप पर पुरातत्वविदों ने प्रागैतिहासिक पत्थर के औजार, शिलालेख और सिक्के खोजे हैं।
: पत्थर पर शिलालेख भी पाए गए हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं।
: एक पत्थर पर शिलालेख ब्राह्मी लिपि में और दूसरा शंख लिपि में था।
: मदकू द्वीप में भगवान शिव, गणेश, शिव-पार्वती, नंदी और कई अन्य देवताओं की कई प्राचीन और अनोखी मूर्तियाँ भी हैं।
: पुरातत्वविदों ने मदकू द्वीप पर 19 मंदिरों की सफलतापूर्वक खुदाई की है।
: इनमें से अठारह मंदिर पूर्व की ओर मुख किए हुए हैं, जबकि बीच वाला मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसका मुख पश्चिम की ओर है।
: माना जाता है कि इन मंदिरों की स्थापत्य शैली, मूर्तियों और प्रतिमाओं के साथ, महान कलचुरियों के समान है।
: मदकू द्वीप वह स्थान भी है, जहां 1909 से एक वार्षिक और महत्वपूर्ण ईसाई मेला आयोजित किया जाता रहा है।
: यह मेला फरवरी में आयोजित किया जाता है, इसमें छत्तीसगढ़ राज्य और उसके बाहर के सभी ईसाई शामिल होते हैं और इसे स्थानीय रूप से मसीही मेला के नाम से जाना जाता है।