सन्दर्भ:
: हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से बड़ी संख्या में मतुआ महा मेला 2023 (MatuaMahaMela2023) देखने का आग्रह किया है।
मतुआ महा मेले के बारें में:
: मतुआ महा मेला 2023 एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
: यह मेला मतुआ समुदाय की जीवंत संस्कृति को दर्शाता है।
: इसका आयोजन अखिल भारतीय मतुआ महासंघ द्वारा किया जा रहा है।
: इस महामेला का आयोजन 19 से 25 मार्च 2023 तक किया जाएगा।
: श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी की जयंती मनाने के लिए मतुआ महामेला का आयोजन किया जाता है।
श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी के बारें में:
: मतुआ महासंघ के संस्थापक श्री हरिचाँद ठाकुर का जन्म 11 मार्च 1812 को अविभाजित बंगाल के बांग्लादेश के गोपालगंज जिले को कासियानी थाना के अंतर्गत ओरकंडी के पास सफलाडांगा गाँव में एक चांडाल परिवार में हुआ था।
: उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों या दलित लोगों के विकास के लिए काम किया।
: उनके माता-पिता का नाम अन्नपूर्णा और यशोमन्त था।
: औपचारिक शिक्षा ठीक से नहीं चली, लेकिन उन्होंने सरल तरीके से प्रेम और भक्ति का प्रचार किया।
: उन्होंने विभिन्न स्थानों पर रहने के माध्यम से अनुभव प्राप्त करते हुए, शास्त्रों की चर्चा के माध्यम से हिंदू और बौद्ध धर्मग्रंथों का ज्ञान प्राप्त किया।
: उनकी खेती के पारंपरिक तरीके को मातुवाबाद कहलाता था।
: पिता श्री श्री हरिचाँद ठाकुर की मृत्यु के बाद गुरुचाँद ठाकुर मटुआ धर्म की भलाई और शिक्षा के प्रसार के लिए एक भक्त बन गए।
: इनकी जीवनी पर एक पुस्तक लिखी जिसका नाम श्री श्री हरिलीलामृत है।
: श्री श्री हरिचाँद ठाकुर, कलियुग में श्री विष्णु के एक विशेष अवतार हैं, जिन्हें उनके सभी अनुयायी मानते हैं और उन्हें पतितपावन कहा जाता है।
: इनका देहावसान 5 मार्च 1878 को हुआ।