सन्दर्भ:
: पीएम मोदी ने 26 अगस्त 2023 को कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता को चिह्नित करने के लिए भारत 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ (National Space Day) के रूप में मनाएगा, साथ ही ISRO के वैज्ञानिकों को एक पूरी पीढ़ी को जागृत करने और युवा दिमाग पर गहरी छाप छोड़ने का श्रेय दिया।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की वजह:
: 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को हिंदुस्तान नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा क्योकि यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
चंद्रमा पर तिरंगा बिंदु:
: चंद्रयान-3 लैंडर की सफलता के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने घोषणा की कि विक्रम लैंडर की लैंडिंग वाली जगह को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा।
: इसके अलावा, उन्होंने चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग साइट का नाम ‘तिरंगा पॉइंट’ (Tiranga Point) रखने की घोषणा की।
: उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 ने 2019 में चंद्रमा की सतह पर अपने पदचिह्न छोड़े।
: उन्होंने भारत के चंद्रमा मिशन की सफलता का श्रेय इसरो की महिला वैज्ञानिकों को भी दिया।
चंद्रमा पर जवाहर बिंदु:
: चंद्रयान-1, भारत का चंद्रमा पर पहला मिशन, 22 अक्टूबर 2008 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह से लॉन्च किया गया था।
: भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन और बुल्गारिया में निर्मित 11 वैज्ञानिक उपकरणों को ले जाने वाला अंतरिक्ष यान, रासायनिक खनिज विज्ञान और चंद्रमा के फोटो-भूगर्भिक मानचित्रण के लिए चंद्र सतह से 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करता है।
: 14 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 का मून इम्पैक्टर प्रोब चंद्रमा की सतह पर उतरा।
: MIP, योजना के अनुसार, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ‘जवाहर स्थल’ या जवाहर पॉइंट (Jawahar Point) नामक बिंदु पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
: यह भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के सम्मान में आया था और इसी दिन उनका जन्मदिन भी था।