
सन्दर्भ-भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच निर्यात और आयात को लाभान्वित करेंगे।
प्रमुख तथ्य-यह दोनों देशों के व्यापार को लगभग 90 प्रतिशत तक लाभान्वित करेगा।
:इस समझौते से कई क्षेत्रों, जैसे रत्न और आभूषण, चमड़ा, प्लास्टिक उत्पाद, कृषि उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, दवा उत्पाद और ऑटोमोबाइल इत्यादि को लाभ मिलेगा।
:इस समझौते में मुक्त व्यापार,डिजिटल अर्थव्यवस्था और महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है।
:भारत ने संयुक्त अरब अमीरात से निर्यात होने वाले सोने पर शुल्क में छूट दी है,जबकि भारतीय निर्यातकों पर आभूषणों पर शून्य प्रतिशत शुल्क लगेगा।
:व्यापार समझौता भारतीय और संयुक्त अरब अमीरात के व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा,जिसमें बढ़ी हुई बाजार पहुंच और कम टैरिफ शामिल हैं।
:यह उम्मीद की जाती है कि CEPA अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा $ 60 बिलियन से बढ़ाकर $ 100 बिलियन कर देगा,जिससे 10 लाख नए रोजगार भी सृजित होंगे।
:ज्ञात हो कि चीन और अमेरिका के बाद यूएई भारत का तीसरा बड़ा व्यापार साझीदार है।
:फार्मा क्षेत्र पर, यूएई ने पहली बार इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि विकसित देशों द्वारा अनुमोदित दवा या चिकित्सा उत्पादों को यूएई में विपणन के लिए 90 दिनों के समयबद्ध तरीके से बाजार पहुंच और नियामक अनुमोदन मिलेगा।
:भारत-यूएई CEPA,व्यापार समझौतों का पहला समूह होगा जिसका लक्ष्य भारत अगले कुछ महीनों में अन्य विकसित देशों के साथ हस्ताक्षर करना चाहता है।
:दोनों नेताओं ने भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना के 50वें वर्ष के अवसर पर एक संयुक्त स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
:संयुक्त अरब अमीरात में भारत के 35 लाख लोग रहते है।
:इस समझौते पर हस्ताक्षर भारत की और से केंद्रीय व्यापार और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएआई समकक्ष अब्दुल्ला बिन तौक अल–मारीक ने की।