सन्दर्भ-भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय यानी भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ‘मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट‘ के लिए एक भारतीय मानक विकसित किया है।
प्रमुख तथ्य-यह मानक है –IS 17693: 2022
:इसका नाम ‘मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर‘ रखा गया है।
:यह एक पर्यावरण अनुकूल तकनीक प्रस्तुत करता है।
:इसका निर्माण गुजरात के अन्वेषक श्री मनसुख भाई प्रजापति ने किया है।
:यह मानक 6 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करता है।
:ये हैं- गरीबी न हो, भूखमरी न हो, लैंगिक समानता, सस्ती व स्वच्छ ऊर्जा, उद्योग, नवाचार व बुनियादी ढांचा और जिम्मेदार खपत व उत्पादन।
:बीआईएस मानक, मिट्टी से बने कूलिंग कैबिनेट के निर्माण और प्रदर्शन संबंधी जरूरतों को निर्दिष्ट करता है, जो वाष्पशील शीतलन के सिद्धांत पर संचालित होता है।
मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर के बारें में:
:यह एक मिट्टी निर्मित प्राकृतिक रेफ्रिजरेटर है।
:यह मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और दूध को भंडारित करने एवं जल को ठंडा करने के लिए बनाया गया है।
:यह बिना किसी विद्युत की जरूरत के भंडारित खाद्य पदार्थों को प्राकृतिक शीतलता प्रदान करता है।
:इसमें फलों,सब्जियों और दूध को उनकी गुणवत्ता को खराब किए बिना सही तरीक से ताजा रखा जा सकता है।
:नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) की साझेदारी में राष्ट्रपति भवन (2017) में आयोजित इनोवेशन स्कॉलर्स इन-रेसिडेंस प्रोग्राम के चौथे बैच में ‘मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर‘ का प्रदर्शन किया गया था।
:रेफ्रिजरेशन एक खाद्य भंडारण तकनीक है,जो जीवाणु के विकास को रोकता है, जिससे इसके जीवन की अवधि बढ़ जाती है और इससे यह उपभोग के लिए उपयुक्त बन जाता है।
इसके प्रभाव के बारें में:
:यह मिट्टी के बर्तनों की संस्कृति,परंपरा और विरासत को पुनर्जीवित करने में एक प्रभावशाली भूमिका निभाता है।
:बेहतर स्वस्थ तरीकों से लोगों को वापस उनकी जड़ों से जोड़ना।
:सतत खपत को बढ़ावा देना, निर्धन समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना,हरित व शीतल धरती की दिशा में काम करना।
:आर्थिक विकास व रोजगार सृजन और अंत में ग्रामीण महिलाओं के उत्थान तथा उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में योगदान देना है।