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भारतीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को निवेश की जरूरत

सन्दर्भ-डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के सहयोग से हाल ही में जारी ईवाई संयुक्त रिपोर्ट ने 2025 तक लोगों को ऑनलाइन से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण भौतिक डिजिटल बुनियादी ढांचे में आवश्यक निवेश के लिए डेटा प्रक्षेपण साझा किया।
प्रमुख तथ्य-इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग और बढ़ते ऑनलाइन ट्रैफिक का सहयोग करने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को 2025 तक 23 बिलियन अमरीकी डालर तक के निवेश की आवश्यकता है।
:चाहे हेल्थ टेक हो, एडुटेक हो, कंज्यूमर टेक हो, भारत सबसे आगे है। भारत 200 अरब अमेरिकी डॉलर का ई-कॉमर्स बाजार,12 अरब अमेरिकी डॉलर का एडुटेक बाजार तक पहुंच सकता है।
:भारत डिजिटल पर नवाचार कर रहा है,और इस क्रांति के होने के लिए भारत को डिजिटल बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
:टावर कंपनियां खुद को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में बदल रही हैं,जिसके लिए अगले 3-5 वर्षों में लगभग 20 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश की आवश्यकता होगी।
:आने वाले समय में कम से कम 330 मिलियन लोग 5G का उपयोग कर रहे होंगे और ई-कॉमर्स, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्र ऑनलाइन अपनी उपस्थिति बढ़ाएंगे।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए)-:इसका पूर्ववर्ती नाम टॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन था जिसका गठन 2010 में इंडियन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत पंजीकृत एक उद्योग प्रतिनिधि निकाय के रूप में किया गया था।
:यह भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है जो देश के वायरलेस इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, निर्माण, स्वामित्व और संचालन करता है।
:इसका उद्देश्य है डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग के विकास और विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को उद्योग की आम सहमति का दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है।
:उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु यह अन्य उद्योग संघों जैसे सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, सीओएआई, आईएसपीएआई, आदि के साथ भी जुड़ा हुआ है।


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By gkvidya

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