सन्दर्भ-भारतीय डाक पिछले 167 वर्षों से देश की सेवा में है और देश अपनी आज़ादी की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज़ादी का अमृत महोत्सव मन रहा है,इस कड़ी में भारतीय डाक, गणतंत्र दिवस की अपनी इस झांकी के माध्यम से,अपने डाकघरों में तथा इनके माध्यम से महिला सशक्तीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।
प्रमुख तथ्य-यह भारतीय डाक की गणतंत्र दिवस की झांकी का विषय है।
:इस झांकी में निम्न बिंदुओं को दर्शाया गया है-
अग्र भाग:भारतीय डाक, महिलाओं के लिए आदर्श नियोक्ता है। इसे वित्तीय समावेशन का अधिदेश प्राप्त है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ-साथ डाकघर बचत बैंक के अंतर्गत लगभग 50 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं हैं।
:यह झांकी, भारतीय डाक की व्यापक पहुंच और आधुनिक चेहरे को दर्शाती है।
:इस झांकी में ‘केवल महिला कार्मिकों द्वारा संचालित डाकघरों’ के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि विभाग किस प्रकार महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
:साथ ही, रैंप के माध्यम से दर्शाए गए ‘दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल डाकघर’ हमारी सामाजिक प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
पोस्टवुमेन-इस झांकी में एक युवा पोस्टवुमेन के माध्यम से भारतीय डाक के आधुनिक रूप को दर्शाया गया है।
:पोस्टवुमेन के एक हाथ में डिजिटल डिवाइस तथा दूसरे हाथ में पोस्टमैन की पहचान उसका थैला।
:पोस्टवुमेन के साथ सभी का जाना-पहचाना लाल रंग का लेटरबॉक्स है, जो भारतीय डाक में लोगों के अडिग विश्वास का सूचक है।
तैरता (फ्लोटिंग) डाकघर:झांकी के ट्रेलर भाग में श्रीनगर का तैरता (फ्लोटिंग) डाकघर दिखाया गया है। इसके माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना पर बल दिया गया है।
:इसी तरह झांकी में केवल महिला द्वारा संचालित डाकघर,कोलकाता जीपीओ को दर्शाया गया है।
:झांकी के चारों ओर, देश के स्वतंत्रता संघर्ष से संबंधित डाक-टिकटों का कोलाज है, जिन्हें डिजिटल रूप से खादी पर प्रिंट किया गया है।
:निचले भाग में,इस झांकी का सबसे अनूठा पहलू इसके साथ चल रहे देश के विभिन्न भागों से आए हमारे अपने डाकिए (पोस्टमेन/पोस्टवुमेन) हैं।
:यह झांकी भारतीय डाक की व्यापक पहुंच और आधुनिक चहरे को दर्शाएगी।
:हाल ही में आयोजित किए गए प्रधानमंत्री के नाम “75 लाख पोस्टकार्ड अभियान” को भी दर्शाया गया है।