सन्दर्भ-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक (IPPB) की स्थापना के लिए परियोजना परिव्यय को बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है।
इसका उद्देश्य है:
:आम आदमी के लिए सबसे सुलभ,किफायती और भरोसेमंद बैंक की स्थापना; बैंकिंग की सुविधा से वंचित लोगों के लिए बाधाओं को दूर करके और घरों तक बैंकिंग की सुविधा के जरिए बैंकिंग की अपेक्षाकृत कम सुविधा पाने वाले लोगों के लिए अवसर संबंधी लागत को कम करके वित्तीय समावेशन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।
महत्व क्या है:
:यह परियोजना भारत सरकार के “कम नकदी” वाली अर्थव्यवस्था से संबंधित दृष्टिकोण के पूरक है और साथ ही आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन दोनों को बढ़ावा देती है।
प्रमुख तथ्य-संशोधित लागत को 1,435 करोड़ रुपये में 820 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्त पोषण के साथ 2,255 करोड़ रुपये कर दिया गया।
:नियामक जरूरतों और तकनीकी उन्नयन को पूरा करने के लिए 500 करोड़ रुपये के भविष्यगत कोष के लिए भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी है।
:IPPB के शुभारंभ के बाद से, इसमें 82 करोड़ के कुल वित्तीय लेन-देन के साथ 5.25 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं।
:इसमें 1,61,811 करोड़ रुपये के साथ 21,343 करोड़ रुपये के 765 लाख AEPS लेन-देन शामिल हैं।
:5 करोड़ खातों में से 77 प्रतिशत खाते ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए हैं,जिनमे 48 प्रतिशत महिला ग्राहक हैं।
:महिलाओं के इन खतों में खातों में लगभग 1000 करोड़ रुपये जमा हैं।
:लगभग 40 लाख महिला ग्राहकों को उनके खातों में 2500 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्राप्त हुआ है।
:स्कूली छात्रों के लिए 7.8 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं।
:आकांक्षी जिलों में IPPB ने 19,487 करोड़ रुपये के कुल 602 लाख लेन-देन वाले 95.71 लाख खाते खोले हैं।
:वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित जिलों में,आईपीपीबी द्वारा 67.20 लाख खाते खोले गए हैं,जिसमें कुल 426 लाख के लेन-देन के साथ 13,460 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
भारतीय डाक भुगतान बैंक (IPPB):
:इसकी शुरुआत का 1 सितंबर, 2018 को 650 शाखाओं/नियंत्रण कार्यालयों के साथ देश भर में एक साथ किया गया था।
:IPPB ने 1.36 लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया और लगभग 1.89 लाख डाकियों व ग्रामीण डाक सेवकों को स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के साथ घरों तक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया है।