सन्दर्भ:
: राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर पंजाब की सभी पार्टियों ने हाल ही में सर्वसम्मति से फैसला किया कि वे भाखड़ा बांध (Bhakra Dam) से हरियाणा को एक भी बूंद अतिरिक्त पानी नहीं देंगे।
भाखड़ा बांध के बारे में:
: यह सतलुज नदी पर बना कंक्रीट का गुरुत्वाकर्षण बांध है और पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास है।
: यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भाखड़ा गांव के पास एक घाटी में स्थित है।
: यह दुनिया का सबसे ऊंचा सीधा गुरुत्वाकर्षण बांध है, जिसकी ऊंचाई लगभग 207.26 मीटर है।
: यह एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है, जो भारत में 261 मीटर ऊंचे टिहरी बांध के बाद है।
: इसकी लंबाई 518.25 (1,700 फीट) मीटर और चौड़ाई लगभग 9.1 मीटर (30 फीट) है।
: इसका इतिहास:-
- भाखड़ा बांध स्वतंत्रता के बाद भारत द्वारा शुरू की गई सबसे शुरुआती नदी घाटी विकास योजनाओं में से एक है।
- इस बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था, जब भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भाखड़ा की नींव में कंक्रीट की पहली बाल्टी डाली थी।
- बांध का निर्माण 1963 के अंत तक पूरा हो गया था, जवाहरलाल नेहरू ने भाखड़ा बांध को ‘उभरते भारत का नया मंदिर’ बताया था।
: भाखड़ा बांध का संचालन और रखरखाव भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा किया जाता है।
: इसका जलाशय, जिसे “गोबिंद सागर” के नाम से जाना जाता है, 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहीत करता है।
- भाखड़ा बांध द्वारा बनाया गया 90 किलोमीटर लंबा जलाशय 168.35 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- जल भंडारण के मामले में, यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा जलाशय है, पहला मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध है जिसकी क्षमता 12.22 बिलियन क्यूबिक मीटर है।
: नांगल बांध भाखड़ा बांध के नीचे की ओर एक और बांध है।
: कभी-कभी दोनों बांधों को एक साथ भाखड़ा-नांगल बांध कहा जाता है, हालांकि वे दो अलग-अलग बांध हैं।