सन्दर्भ:
: महाराष्ट्र के पांच समुद्र तटों – श्रीवर्धन, नागांव, परनाका, गुहागर और लाडघर – को फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE), डेनमार्क द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया है।
ब्लू फ्लैग समुद्र तट के बारें में:
: ब्लू फ्लैग एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है जो समुद्र तटों, मरीना और सतत नौकायन पर्यटन संचालकों को प्रदान किया जाता है जो पर्यावरण गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रबंधन के कड़े मानकों को पूरा करते हैं।
: संबंधित संगठन- यह प्रमाणन डेनमार्क के पर्यावरण शिक्षा फाउंडेशन (FEE) द्वारा प्रदान किया जाता है, जो शिक्षा और प्रमाणन के माध्यम से सतत पर्यावरणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है।
: भारत आधिकारिक तौर पर 2018 में ब्लू फ्लैग कार्यक्रम में शामिल हुआ।
: इसका उद्देश्य- ब्लू फ्लैग कार्यक्रम का उद्देश्य सतत तटीय पर्यटन को बढ़ावा देना, समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना और आगंतुकों और स्थानीय समुदायों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल मनोरंजन स्थल सुनिश्चित करना है।
: मानदंड (छह प्रमुख क्षेत्र):-
- पर्यावरण शिक्षा और सहभागिता: स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
- जलवायु कार्रवाई: ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढाँचे और तटीय कटाव तथा समुद्र-स्तर में वृद्धि के प्रति लचीलेपन को प्रोत्साहित करता है।
- जैव विविधता प्रबंधन: वन्यजीव आवासों की सुरक्षा और तटीय वनस्पतियों के जिम्मेदारीपूर्वक प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- प्रदूषण और जल गुणवत्ता: उच्च-स्तरीय जल परीक्षण, अपशिष्ट पृथक्करण, और प्लास्टिक एवं तेल प्रदूषण पर नियंत्रण अनिवार्य करता है।
- सुगम्यता: सुविधाओं और सेवाओं को विकलांग व्यक्तियों सहित सभी के लिए समावेशी और सुलभ बनाने की आवश्यकता है।
- सुरक्षा और सेवाएँ: आगंतुकों की सुरक्षा के लिए लाइफगार्ड, प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन योजनाओं को लागू करता है।
: 2025 तक भारत की ब्लू फ्लैग स्थिति:-
- कुल प्रमाणित समुद्र तट: 13 + 5 नए (कुल 18 समुद्र तट) भारत भर में ब्लू फ्लैग समुद्र तट।
- हाल ही में जोड़े गए: महाराष्ट्र के पाँच समुद्र तट – श्रीवर्धन, नागांव, परनाका, गुहागर और लाडघर – को 2025 में प्रमाणन प्राप्त हुआ।
