सन्दर्भ:
: अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे ब्रह्मोस NG के नाम से जाना जाता है, अपने पहले उड़ान परीक्षण के करीब पहुंच रही है, जो 2026 में होना निर्धारित है, तथा इसका उत्पादन 2027-28 में शुरू होगा।
ब्रह्मोस NG के बारे में:
: यह भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उन्नत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
: यह अपने पूर्ववर्ती के समान क्षमताओं वाली एक स्लीकर मिसाइल है।
: यह हल्का, छोटा और कॉम्पैक्ट है, इसके कम आकार के कारण, अगली पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली कई प्लेटफ़ॉर्म पर फिट होने में सक्षम होगी।
: इनमें रूसी मूल के सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान और भारत के स्वदेशी रूप से विकसित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस शामिल हैं, जो अब ब्रह्मोस NG को तैनात करने में सक्षम होंगे।
: इसका वजन 6 टन है और यह 6 मीटर लंबा है जबकि पुराने संस्करण का वजन 3 टन था और यह 9 मीटर लंबा था।
: रेंज और स्पीड- मिसाइल की रेंज 290 किमी है और इसकी गति 5 मैक तक है।
: इसमें पिछले संस्करण की तुलना में कम रडार क्रॉस-सेक्शन होगा।
: इसमें AESA रडार के साथ एक होममेड सीकर होगा जो इसकी सटीकता और चुपके क्षमताओं को बढ़ाएगा।