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सन्दर्भ-विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी सहयोग को भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की आधारशिला बताते हुए,भारत और फ्रांस ने अपने संयुक्त बयान द्वारा “आतंकवादी परदे के पीछे और सीमा पार आतंकवाद” सहित सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की है।
प्रमुख तथ्य-फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के साथ-साथ परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता के लिए भारत की बोली के लिए अपना “दृढ़ समर्थन” दोहराया।
:दोनों देशों ने दुनिया के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने के लिए अफगान क्षेत्र के उपयोग के लिए जीरो टॉलरेंस पर भी जोर दिया और यूएनएससी सहित इस संबंध में मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
:उन्होंने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ आम लड़ाई में मिलकर काम करने के अपने संकल्प को दोहराया,जिसमें “आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करना, कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करना, आतंकवादी या चरमपंथी उद्देश्य के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकना” शामिल है।
:अफगानिस्तान पर, बयान में कहा गया है, भारत और फ्रांस ने मानवीय स्थिति और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की और एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित अफगानिस्तान के लिए समर्थन दोहराया, इसकी संप्रभुता के सम्मान पर जोर दिया,और इसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न किया।
:उन्होंने समावेशी और प्रतिनिधि सरकार, और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने का भी आह्वान किया।
:दोनों पक्षों ने 2022 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले आतंकवाद के लिए धन नहीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण के लिए समन्वय करने की इच्छा व्यक्त की।