सन्दर्भ:
:भारत सरकार “प्रोजेक्ट चीता” के तहत चीता को भारत के अपने ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से स्थापित करेगा।
प्रोजेक्ट चीता का उद्देश्य है:
: चीता को भारत के अपने ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से स्थापित करना।
प्रोजेक्ट चीता प्रमुख तथ्य:
:यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी परियोजना है।
: भारत ने ‘प्रोजेक्ट चीता शुरू की क्योकि भारत में, शिकार की गतिविधियां काफी बढ़ गई थी जिसके कारण 1952 में चीता विलुप्त हो गए थे।
:चीता एकमात्र बड़ा माँसाहारी जानवर है,जो कि अति-शिकार के कारण भारत से विलुप्त हो गया था।
:चीता दुनिया का सबसे तेज़ भूमि स्तनपायी भी है जो एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है।
:जंगली प्रजातियों विशेष रूप से चीता को फिर से स्थापित करने का कार्य आईयूसीएन के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है।
:इसके लिए उनकी बीमारियों की जांच, छोड़े जाने वाले जानवरों को क्वारंटाइन करना आदि भी किया जा रहा है।
:साथ ही जीवित जंगली जानवरों के एक से दूसरे महाद्वीप में परिवहन आदि प्रक्रियाओं के लिए बड़ी सावधानी से योजना बनने और इसका निष्पादन करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है।
:अभी चीता को निर्दिष्ट निवास स्थल (रेंज) में छोड़े जाने/स्थानांतरित किये जाने की तारीख तय नहीं की गई है,क्योकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना को लेकर सभी सावधानीयां बरत रहा है।
:चीतों के आगमन पर उन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा और जंगल में छोड़े जाने से पहले उनकी निगरानी की जाएगी।
:मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि अफ्रीकी चीता अभी भी पारगमन में फंसे हुए हैं,जो की पूरी तरह से निराधार है।
:अभी दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है,जबकि नामीबिया गणराज्य के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
:IUCN की रेड लिस्ट में एशियाई चीता अति संकटग्रस्त (Critically Endangered) जबकि अफ़्रीकी चीता सुभेद्य (Vulnerable) है।