
सन्दर्भ –प्रसिद्द गीतकार और रचनात्मक लेखक प्रशून जोशी को 52 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव फिल्म पर्सनालिटी ऑफ़ द ईयर से सम्मानित किया गया।
योगदान-सिनेमा,लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्यो में।
प्रमुख तथ्य-:यह सम्मान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदान किया।
:IFFI ने इस बार 75 क्रिएटिव माइंडस इनिशिएटिव जैसा मंच तैयार किया था।
प्रशून जोशी-:अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर ख्यातिप्राप्त पेशेवर रहे है जिन्होंने कई विज्ञापन कंपनियों में काम किया साथ ही मैक्केन वर्ल्ड ग्रुप में एशिया प्रशांत क्षेत्र के चेयरमैन भी रहे है।
:2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म लज़्ज़ा से एक गीतकार के रूप में फिल्मो में प्रवेश किया और तब से आज तक वो तमाम फिल्मों जैसे रंग दे बसंती,तारे जमीन पर,भाग मिल्खा भाग,नीरजा,मणिकर्णिका,दिल्ली-6 आदि में काम किया।
:भारत सरकार ने इन्हे पद्मश्री से भी सम्मानित किया है,इसके अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है जैसे कानलायन्स इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ़ क्रिएटिविटी में पुरस्कार,वर्ल्ड इकनोमिक फोरम के यंग ग्लोबल लीडर अवार्ड इत्यादि।
:अभी ये केंद्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड के अध्यक्ष भी है।
केंद्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड- :इसकी स्थापना 1952 में हुई थी,यह सूचना और प्रसारण मंत्रालय एक सरकारी संस्था है जो चलचित्र अधिनियम 1952 के तहत जारी किये गए प्रावधानों के अनुसार फिल्मों के सार्वजानिक प्रदर्शन का नियंत्रण करता है।
:इसमें सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और गैर सरकारी सदस्य होते है,इसका मुख्यालय मुंबई में है इसके अलावा 9 क्षेत्रीय कार्यालय भी है।
:यह फिल्मो को चार वर्गों के तहत प्रमाणित करता है-
अ/U-इसे सभी वर्गों के लोग देख(अनिर्बन्धित सार्वजानिक प्रदर्शन) सकते है।
अ/व/U/A-इस वर्गों की फिल्मों को सभी वर्ग परन्तु 12 साल से कम उम्र वाले बच्चे अपने अभिभावक के साथ देख सकते है।
व/A-18 वर्ष/व्यस्क व्यक्ति के लिए ही देखने हेतु पात्र।
S-यह विशिष्ट व्यक्ति के लिए होती है,विरले ही बनती है।
यह कुल 68 दिनों में प्रमाणन कर प्रमाण प्रत्र जारी करता है।
52वें IFFI(इफ्फी) 2021–गोवा में आयोजित 52वें भारतीय अंतरष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 20 -28 नवंबर 2021 को भारत के फिल्म समारोह निदेशालय,सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गोवा राज्य सरकार के सहयोग से किया गया।
IFFI(इफ्फी) -:इसकी स्थापना 24 जनवरी 1952 में हुआ था,यह एशिया के सबसे प्रमुख फिल्म समारोहों में से एक है। :पहले यह अन्य स्थानों पर आयोजित होता था, परन्तु 2004 के बाद से इसे गोवा में ही स्थायी कर दिया गया है,जहां इसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल के अनुसार डीएफएफ(डारेक्टोरेटऑफ़ फिल्म फेस्टिवल्स) और गोवा राज्य सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।
उद्देश्य- इसका उद्देश्य है दुनिया के सिनेमाघरों के लिए फिल्मकला की सर्वोच्चता को प्रदर्शित करने हेतु एक साझा मंच तैयार करना तथा विभिन्न देशों की फिल्म संस्कृतियों उनके सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार के सन्दर्भ में समझ कर उनकी सराहना करना,और दुनिआ के लोगो के बीच आपसी प्रेम,दोस्ती और भाईचारे तथा सहयोग को बढ़ावा देना।
:इसके पहले संकरण का आयोजन 24 जनवरी से 1 फ़रवरी के बीच मुम्बई में किया गया जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया था।तीसरे संस्करण जो 8-21 जनवरी1965 में दिल्ली में आयोजित हुआ था स्पर्धी बन गया था।
:35वें संस्करण 2004 में इसे त्रिवेंद्रम से गोवा लाया गया तब से अब तक वार्षिक रूप में आयोजित किया जा रहा रहा है।
:अपने 5वें संस्करण 1975 में एक स्थायी प्रतिक चिन्ह को अपनया गया जिसमे राष्ट्रीय पक्षी मोर का प्रतिक और वसुधैव कुटुम्बकम जैसे आदर्श वाक्य को स्थायी जगह दिया गया।
इसके प्रमुख अवार्ड है- गोल्डन पीकॉक और सिल्वर पीकॉक,लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड,तथा इंडियन पर्सनालिटी ऑफ़ दी ईयर इत्यादि।
:2013 में भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में फिल्मो में उत्कृष्ट सेवा वालों को सम्मानित करने हेतु इंडियन पर्सनालिटी ऑफ़ दी ईयर अवार्ड की शुरुआत की गयी और इस पहले अवार्ड को फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को दिया गया था।
विस्तृत जानकारी के लिए क्लीक करें IFFI(इफ्फी)