सन्दर्भ:
: भारत की प्रलय मिसाइल (Pralay Missile) हासिल करने में आर्मेनिया की कथित रुचि भारत के लिए एक बड़ा अवसर है।
प्रलय मिसाइल के बारे में:
: ‘प्रलय’ 350-500 किलोमीटर की कम दूरी की, अर्ध-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है।
: ठोस ईंधन वाली, युद्धक्षेत्र मिसाइल पृथ्वी रक्षा वाहन पर आधारित है।
: इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LoC) पर देश की रक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है।
प्रलय मिसाइल की विशेषताएं:
: प्रलय, एक ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर द्वारा संचालित, कभी भी वायुमंडल से बाहर नहीं निकलता है और एक सपाट प्रक्षेप पथ का अनुसरण करता है।
: रेंज यह 150-500 किमी दूर लक्ष्य को भेद सकता है।
: मिसाइल जड़त्वीय मार्गदर्शन का उपयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुँचती है, इसे अपनी पूरी उड़ान के दौरान नियंत्रित किया जा सकता है।
: इसमें टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी (DSMAC-डिजिटल सीन-मैचिंग एरिया कोरिलेशन) सीकर की सुविधा है।
: मिसाइल को स्वदेशी रूप से विकसित फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम (RADOME) से सुसज्जित किया गया है।
: प्रलय मिसाइल में थ्रस्ट वेक्टर नियंत्रण के लिए जेट वेन सिस्टम की सुविधा है, जो यह सुझाव देता है कि मिसाइल उड़ान के टर्मिनल चरण में चकमा देने वाले युद्धाभ्यास कर सकती है।
: मिसाइल में विभिन्न प्रकार के वारहेड हो सकते हैं, जिनमें PF (प्री-फ्रैगमेंटेड), मोनोलिथिक PCB (पेनेट्रेशन कम ब्लास्ट) और सबम्यूनिशन PCB शामिल हैं।
: प्रलय मिसाइल में अपने रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए छोटे पंखों के दो सेट हैं।