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INS VIKRANT
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सन्दर्भ:

:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत INS VIKRANT (आईएनएस विक्रांत) को राष्ट्र-सेवा में समर्पित किया।

INS VIKRANT से जुड़े प्रमुख तथ्य:

:पहले स्वदेशी वायुयान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत स्वदेशी निर्माण में देश की बढ़ती शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक प्रमुख पड़ाव का प्रतीक है।
:प्रधानमंत्री ने नये नौसेना ध्वज का अनावरण किया और उस निशान को छत्रपति शिवाजी के प्रति समर्पित किया।

NAVY NEW FLAG
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: भारत अब विश्व के उन देशों में- अमेरिका,ब्रिटैन,रूस,फ्रांस चीन जैसे देशों शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करते हैं।
:INS VIKRANT स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है।
:विक्रांत का यह नया अवतार, जिसने 1971 के युद्ध में शानदार भूमिका निभाई थी।
:आईएनएस विक्रांत को 1956 में ब्रिटैन से लिया गया था जो 1997 नौसेना से सेवामुक्त हुआ।
:आईएनएस विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है।
: इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है जो पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन है।
:INS VIKRANT का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है।
:इसकी कुल लागत 20000 करोड़ है।
:विक्रांत का वजन लगभग 43,000 टन और लम्बाई 262.5 मीटर और चौड़ाई 61.6 मीटर है।
:इसकी अधिकतम रफ्तार 28 नॉट (1 नॉट =1.85 किमी) है और यह 7,500 नॉटिकल माइल तक की रफ्तार झेल सकता है।
:इसमें शक्ति नाम का वॉरफेयर सूट भी मौजूद है।
:पोत में 2,200 कंपार्टमेंट हैं, जिसमें महिला अफसरों और नाविकों को मिलाकर लगभग 1600 कर्मी रह सकते हैं।
:विमान वाहक को उत्कृष्ट उपकरणों और प्रणालियों से लैस किया गया है।
:यह पोत वायु यान संचालन की क्षमता रखता है और इसके तहत 30 वायुयान आते हैं, जिनमें मिग-29के युद्धक विमान, कामोव-31, एमएच-60आर बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
:इनके अलावा स्वदेशी स्तर निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और हल्के युद्धक विमान (नौसेना) को भी शामिल किया गया है।
:शॉर्ट टेक-ऑफ बट एरेस्टेड रिकवरी (स्टोबार/STOBAR) नामक एक नई वायुयान संचालन प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है,अर्थात कम दुरी में ही विमानों को रोकने की तकनीक।
:इस पर EMALS तकनीक का उपयोग किया जाएगा अर्थात छोटे रनवे पर ही विमानों को लांच करने की तकनीत।
:INS VIKRANT में 76% स्वदेशी सामान लगा है,जिसमे 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों ने काम किया है।


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By gkvidya

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