सन्दर्भ:
: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana) को स्वीकृति दे दी।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के बारें में:
: नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित पहली विशिष्ट योजना है।
: यह योजना 2025-26 से 100 ज़िलों में लागू होगी।
: इस योजना का उद्देश्य- कृषि उत्पादकता में बढ़ोत्तरी, फसल विविधीकरण और संधारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, कटाई के बाद पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधा में सुधार और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण उपलब्धता सुगम बनाना है।
: इस योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की अन्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की स्थानीय भागीदारी में किया जाएगा।
: यह 2025-26 के केंद्रीय बजट में “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” के अंतर्गत 100 ज़िले विकसित किये जाने की घोषणा के अनुरूप है।
: तीन प्रमुख संकेतकों- कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और अल्प ऋण वितरण के आधार पर सौ जिले चिन्हित किये जाएंगे।
: इसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र (वह कुल क्षेत्रफल, जहां किसी कृषि वर्ष में वास्तव में फसलें उगाई जाती हैं) और परिचालन जोत के हिस्से पर आधारित होगी।
: इस योजना में प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा।
: इस योजना के प्रभावी नियोजन, क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी।
: जिला धन धान्य समिति द्वारा जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
: समिति में प्रगतिशील किसान भी सदस्य होंगे।
: प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना में प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख कार्य निष्पादन संकेतकों के अनुसार की जाएगी।
: जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन नीति आयोग भी करेगा।
: साथ ही प्रत्येक जिले में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर योजना की समीक्षा करेंगे।
: इस योजना के परिणामस्वरूप उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होगी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र में मूल्यवर्धन (उत्पाद और सेवा में उन्नयन) होगा और स्थानीय आजीविका सृजित होगी।

