सन्दर्भ-हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक पंडित जसराज की 92वीं जयंती 28 जनवरी के अवसर पर प्रधानमंत्री ने पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन शुभारम्भ किया।
उद्देश्य-भारत की राष्ट्रीय विरासत,कला और संस्कृति की रक्षा,संरक्षण,विकास और प्रचार करना है।
पंडित जसराज-:इनका जन्म 1930 में हरियाणा के हिसार जिले के एक गांव में हुआ था।
:उन्होंने अपने पिता पंडित मोती मोती राम और बड़े भाई पंडित मनी राम से संगीत सीखा परन्तु बेगम अख्तर प्रेरणास्रोत रही।
:उन्होंने तबलावादक के रूप में आरम्भ किया और हवेली संगीत के उस्ताद बने।
:ये मेवाती घराने से जुड़े थे -मेवाती घराना एक संगीत की एक पाठशाला है जो अपने पारम्परिक प्रदर्शन अर्थात हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शैली के लिए जाना जाता है।
:अपने संगीत के करियर में उन्होंने शास्त्रीय और अर्द्ध शास्त्रीय गायन के कई प्रदर्शन दिए।
:उन्होंने भारत और भारत के बाहर भी संगीत की शिक्षा दी।
:17 अगस्त 2020 को अमेरिका में न्यू जर्सी में उनका स्वर्गवास हो गया।
उनको मिलाने वाले पुरस्कार व सम्मान-:भारत सरकार ने नागरिक सम्मान से सम्मानित किया 1975 में पद्मश्री,1990 में पद्म भूषण और 2000 में पद्म विभूषण।
:पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने 2 फ़रवरी 2002 को पंडित जसराज को ” रसराज” के रूप में सम्मानित किया।
:इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिक यूनियन ने लघु ग्रह 2006 VP 32 का नाम पंडित जसराज रखा है।
:पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन शुरुआत में चार कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करेगा जो सरगम के चार स्वरों सा,रे,गा.मा के अनुसार नामकरण किया गया है।
:सा के तहत पारंपरिक संगीत का संरक्षण और प्रचार किया जाएगा और जिसमे सभी रंगों और शैलियों के संगीतकारों के अंतरराष्ट्रीय मानक रिकॉर्डिंग सेशन के साथ वीडियो पेश किए जाएंगे।
:साथ ही वैश्विक स्तर पर बड़े स्तर के संगीत समारोहों का आयोजन किया जाएगा जिसमे देश भर के प्रदर्शन कला के सुविधाओं के संवर्धन की कोशिश की जाएगी।
:रे के तहत पुनः स्थायी आजीविका का प्रयास होगा जिसके तहत कौशल आधारित रोजगार के अवसरों को सक्षम करने के लिए पारंपरिक उपकरण निर्माताओं और संगीतकारों एक ईको सिस्टम बनाकर उनकी प्रतिभा का उपयोग करके विभिन्न भूमिकाओं में उनकी क्षमताओं को बेहतर किया जाएगा।
:गा के तहत कलाकारों के वेलफेयर से है और इसमें फाउंडेशन सभी क्षेत्रों के कलाकारों को समय पर चिकित्सा सहायता और बीमा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगा।
:मा के तहत शिक्षा और शोध की सुविधा होगी जिसमे पारंपरिक भारतीय संगीत और संस्कृत भाषा में सर्टिफ़िकेट,डिप्लोमा और डिग्री कोर्स आरम्भ किया जायेगा।