सन्दर्भ:
: ओडिशा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के तहत निर्भया कढ़ी (निडर कली), मो गेल्हा जिया (मेरी प्यारी बेटी), कल्पना अभिजान, स्वर्ण कालिका और वीरांगना योजना लागू की है।
निर्भया कढ़ी और वीरांगना योजना के बारें में:
: ये सभी योजनाएं किशोरियों के लिए शुरू की गई हैं ताकि वे बाल विवाह को नकारें, लिंग चयन और कन्या भ्रूण हत्या से लड़ें, उच्च शिक्षा के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें और मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों के माध्यम से आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा दें।
: निर्भया कढ़ी (निडर कली)-
- यानि निडर किशोरियां, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत गंजम जिला प्रशासन की विशेष पहल है ताकि बालिकाओं के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके।
- गंजम जिले के लगभग 3,309 गांवों की 11-18 वर्ष की आयु की 183,933 किशोरियों को जागरूकता बैठकों के माध्यम से निर्भया कढ़ी योजना के तहत शामिल किया गया है।
- ज्ञात हो कि यहां शुरू किया गया BBBP का एक और कार्यक्रम ‘मो गेल्हा जिया’ (मेरी प्यारी बेटी) है, जिसका उद्देश्य गंजम जिले में लिंग चयन और कन्या भ्रूण हत्या से निपटना है।
- इसके फलस्वरूप, 3 जनवरी 2022 को प्रशासन ने गंजम जिले को बाल विवाह मुक्त घोषित किया।
- 3,614 सरकारी स्कूलों के 450,000 छात्रों ने बाल विवाह को ना कहने की सार्वजनिक घोषणा की।
- बाल विवाह के बारे में सबसे पहले सूचना देने वालों को 5,000 रूपए का पुरस्कार दिया जाता है।
: देवगढ़ जिले में वीरांगना योजना-
- BBBP योजना के तहत, वीरांगना योजना जिला प्रशासन, देवगढ़ का एक ऐसा ही अभिनव और व्यापक दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों के ज़रिए किशोरियों में आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है ताकि लड़कियों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में होने वाली घटिया टिप्पणियों, छेड़छाड़, उत्पीड़न, पीछा किए जाने से बचाया जा सके।
- ‘वीरांगना’ शीर्षक के तहत देवगढ़ के इंडोर स्टेडियम में आत्मरक्षा और मार्शल आर्ट पर 30-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
- इसमें कटक के कुडो एसोसिएशन ने तकनीकी सहयोग दिया।
- इसके अलावा, प्रशिक्षण शिविर में किशोरियों और उनके अभिभावकों के लिए लड़कियों के कानूनी अधिकारों और हकों पर विशेषज्ञों द्वारा जागरूकता और परामर्श सत्र भी आयोजित किए गए।
- मार्शल आर्ट पर इस 30 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 14-19 वर्ष की आयु की 500 से अधिक किशोरियों ने भाग लिया।
- लगभग 300 अभिभावक और शिक्षक भी इसमें शामिल हुए।
- इस पहल से तैयार किए गए 50 महिला मास्टर प्रशिक्षकों ने ग्रामीण इलाकों के 300 स्कूलों में मार्शल आर्ट पर लघु प्रशिक्षण सत्र दिए।
- जिससे लगभग 6,000 छात्राओं को प्रशिक्षण मिला।
- वीरांगना नाम के इस विशेष अभियान को जनसंचार माध्यमों से सराहना मिली और इसे कई स्कूलों और कॉलेजों में संस्थागत रूप दिया गया।
- जिला प्रशासन ने जिला महोत्सव में वीरांगना को पुरस्कृत किया।
- वीरांगना ने सेमी-फाइनलिस्ट के रूप में प्रतिष्ठित SKOCH पुरस्कार भी जीता।
: कल्पना अभिजान योजना-
- यह योजना ओडिशा के ढेंकनाल जिले में किशोरियों (10-19 वर्ष) पर नज़र रखने और विभिन्न स्तरों पर समितियों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने के लिए शुरू की गई थी।
- इस योजना ने वर्ष 2019-2024 के बीच 343 बाल विवाह रोके।
- इस योजना के तहत 3,425 स्कूलों के लगभग 4,45,000 छात्रों ने सार्वजनिक स्थान पर शपथ ग्रहण के रूप में बाल विवाह को स्वीकार न करने की घोषणा की।
- 1,211 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और युवाओं और पारंपरिक नेताओं के साथ जुड़ने के लिए रणनीतिक मंच बनाए गए।
: स्वर्ण कालिका योजना-
- “स्वर्ण कालिका” योजना के माध्यम से गांवों में बाल विवाह के हानिकारक असर के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई।
- अभियान में 2,000 से अधिक हितधारक शामिल हुए ओडिशा के क्योंझर जिले में जागरूकता और हस्तक्षेप के लिए आद्विका ऐप को बढ़ावा दिया गया।