सन्दर्भ:
: नए पम्बन ब्रिज (New Pamban Bridge) का उद्घाटन 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया।
पम्बन रेल ब्रिज (रामेश्वरम ब्रिज) अवलोकन:
: पम्बन रेल ब्रिज, जिसे रामेश्वरम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक कैंटिलीवर ब्रिज है जो रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ता है।
: 1914 में खोला गया, यह एक सदी से भी अधिक समय से एक महत्वपूर्ण परिवहन लिंक के रूप में कार्य कर रहा है, जिसने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नया पम्बन ब्रिज प्रमुख विकास और उन्नयन:
: आधुनिकीकरण और उन्नयन:- हाल के वर्षों में, पम्बन रेल ब्रिज ने अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने और आधुनिक परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण उन्नयन किए हैं:-
- वर्टिकल लिफ्ट स्पैन: 2025 में, एक नया वर्टिकल लिफ्ट स्पैन जोड़ा गया, जिससे पम्बन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल बन गया, यह सुविधा केंद्रीय स्पैन को उठाने की अनुमति देती है, जिससे जहाजों के लिए 22 मीटर की निकासी मिलती है, जो पिछले 19 मीटर से बेहतर है।
- तेज़ ट्रेन संचालन: उन्नत पुल अब डबल-लाइन विद्युतीकरण का समर्थन करता है, जिससे मुख्य भूमि और रामेश्वरम द्वीप के बीच तेज़ ट्रेन संचालन की अनुमति मिलती है।
: परिचालन समयरेखा:- आधुनिकीकरण परियोजना 2019 में शुरू हुई और मार्च 2025 तक पूरी हो गई, इस अवधि के दौरान नव उन्नत पुल चालू हो जाएगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
: निर्माण और उद्घाटन:- मुख्य भूमि और रामेश्वरम द्वीप के बीच संपर्क सुधारने के लिए 24 फरवरी, 1914 को पंबन ब्रिज का निर्माण किया गया था, जो पिछले कुछ वर्षों में, यह इस क्षेत्र का एक प्रमुख स्थल बन गया है।
: सामरिक महत्व:-
- एकमात्र संपर्क: अपने अधिकांश इतिहास में, यह पुल रामेश्वरम द्वीप और मुख्य भूमि के बीच एकमात्र संपर्क था, जिससे यह परिवहन और आर्थिक गतिविधियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा बन गया।
- तीर्थयात्रा महत्व: इस पुल ने तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक स्थल रामेश्वरम मंदिर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- मानवीय भूमिका: श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान, पुल ने भारत में शरण लेने वाले शरणार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में भी काम किया, जिससे इसके सामरिक महत्व पर और अधिक जोर दिया गया।
