सन्दर्भ:
: भारत का DRDO ध्वनि मिसाइल (Dhvani Missile) नामक अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल के आगामी परीक्षण के साथ ऐतिहासिक सफलता की कगार पर है, जो देश को सैन्य महाशक्तियों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल करने का वादा करती है।
ध्वनि मिसाइल के बारें में:
: यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल है जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
: ध्वनि को एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो एक क्रांतिकारी हथियार प्रणाली है जो अभूतपूर्व गतिशीलता के साथ तीव्र गति का संयोजन करती है।
: पारंपरिक क्रूज मिसाइलों के विपरीत, जो पूर्वानुमानित उड़ान पथों का अनुसरण करती हैं, ध्वनि को हाइपरसोनिक गति से अपने लक्ष्य की ओर ग्लाइड करने से पहले अत्यधिक ऊँचाई पर प्रक्षेपित किया जाएगा।
: इस अनूठी क्षमता के कारण इसका पता लगाना लगभग असंभव है और इसे रोकना और भी कठिन है, जिससे अधिकांश मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ अप्रचलित हो जाती हैं।
: यह भूमि-आधारित और समुद्री दोनों लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधने में सक्षम होगी।
: यह मैक 5 या 6 से भी ज़्यादा, यानी लगभग 7,400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है।
: इसकी अनुमानित रेंज 6,000 से 10,000 किलोमीटर के बीच है।
: ध्वनि को इसकी परिष्कृत डिज़ाइन ही अलग बनाती है:-
- मिसाइल में मिश्रित विंग-बॉडी विन्यास है जिसकी लंबाई लगभग 9 मीटर और चौड़ाई 2.5 मीटर है।
- इसकी उन्नत ताप संरक्षण प्रणाली, अति-उच्च तापमान वाले सिरेमिक कंपोजिट का उपयोग करते हुए, वायुमंडल में पुनः प्रवेश के दौरान उत्पन्न 2,000-3,000°C के तापमान को सहन कर सकती है।
- कोणीय सतहों और चिकनी आकृति सहित स्टील्थ-अनुकूलित ज्यामिति, इसके रडार क्रॉस-सेक्शन को नाटकीय रूप से कम कर देती है, जिससे यह दुश्मन के ट्रैकिंग सिस्टम के लिए लगभग अदृश्य हो जाती है।
