सन्दर्भ-:तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत के लिए प्रमुख गैस पाइपलाइन परियोजना को तापी परियोजना के रूप में जाना जाता है – पिछले तीन दशकों से “प्रगति पर” होने के बावजूद अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
कारण:अफगानिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल ने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन के पूरा होने को जटिल बना दिया है,जिसे ट्रांस-अफगानिस्तान पाइपलाइन के रूप में भी जाना जाता है।
प्रमुख तथ्य-:इससे पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और भारत के नेताओं ने 2010, 2015 और 2018 में तापी पर चर्चा की थी।
:TAPI पर नवीनतम बैठक 2018 में हुई थी, जिसमें बिजली की सुविधा,रेलवे और फाइबर ऑप्टिक्स सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया था।
:TAPI का उद्घाटन 2020 में होने की उम्मीद थी, लेकिन एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषण के वादों के बावजूद परियोजना का निर्माण अभी तक अधूरा है।
:TAPI परियोजना, जिसकी 2018 में अनुमानित कीमत 10 बिलियन अमरीकी डॉलर थी,का प्रयास 30 वर्षों के लिए ऊर्जा-रहित दक्षिण एशिया में 1,800 किलोमीटर की पाइपलाइन के माध्यम से 33 बिलियन क्यूबिक मीटर तुर्कमेन गैस लाने का है, जो पूरे अफगानिस्तान में फैलेगी।
:दिसंबर 1991 में तुर्कमेनिस्तान के सोवियत संघ से अलग होने के बाद,इसने आर्थिक परियोजनाओं को विकसित करने और अपने सबसे मूल्यवान संसाधन को दक्षिण एशियाई देशों जैसे पाकिस्तान और भारत को अफगानिस्तान के माध्यम से स्थानांतरित करने की मांग की,जिसे मूल रूप से TAPI परियोजना के तहत परिकल्पित किया गया था।
:अफगानिस्तान मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच पूल का काम करता है ऐसे में अफगानिस्तान की समृद्धि के लिए TAPI परियोजना बहुत अहम् है।
:इससे अफगानिस्तान को ऊर्जा संसाधन के साथ ही ट्रांजिट फीस के रूप में राजस्व भी प्राप्त होगा।