Wed. Jul 2nd, 2025
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1-गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया गंगा उत्सव

गंगा उत्सव

चर्चा क्यों है-:गंगा उत्सव के पहले दिन ही स्वक्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन(NMCG) को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स बुक में दर्ज कर लिया गया। क्यों कि एक घंटे में ही फेसबुक पर हाथ से लिखे नोटों की सबसे अधिक तश्वीरों को अपलोड किया गया था।
:इसमें एक घंटे के अंदर ही देश हर क्षेत्र से लाखो प्रविष्टियों को दर्ज किया गया।
क्या है गंगा उत्सव 2021-गंगा उत्सव- यह रिवर फेस्टिवल 2021-गंगा कायाकल्प के बारे में जन जागरूकता बढ़ने के साथ ही कार्यक्रम की पहुंच को और विस्तारित कारण यही।
:यह 5वा संस्करण है जिसे विर्चुअली आयोजित किया गया जिसमे गंगा नदी के साथ साथ देश की अन्य नदियों की महिमा को बताया जायेगा।
:राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन आम आदमी को शुरू से ही जोड़ने में कामयाब रहा है।
;गंगा उत्सव,स्वक्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन(NMCG) के तहत मनाया जाता है कार्यान्वयन राष्ट्रिय गंगा परिषद्( NGC) करता है।
;इस उत्सव के अंतर्गत लोककथा ,संगीत,संवाद,फोटो प्रदर्शनी,नृत्य प्रदर्शन आदि का आयोजन होता है।
:कहा होता है आयोजन- सामान्यतःगंगा नदी के किनारे जैसे प्रयागराज में संगम पर जब कि उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर मनाया जाता है।

2-प्रधानमंत्री ने COP-26 सम्मलेन में पांच वादे”पंचामृत” नाम से किये

पंचामृत@cop-26

चर्चा का कारण क्यों-प्रधानमंत्री ने सम्मलेन के पहले दिन इस अहम प्रस्ताव का ऐलान किया और कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इस पंच अमृत तत्व को अपनाया जाय तो पेरिस समझौते के तहत 1.5 डिग्री के लक्ष्य को पाया जा सकता है।
प्रमुख तथ्य- :इस पंचामृत में सामान्य तौर पर दूध,दही,घी,शहद और गुड़ को मिलाने से बनता है।
:इसका उपयोग एक तकनीक के रूप में आयुर्वेद में किया जाता है, और जिसे विभिन्न सम्प्रदाय अपने पूजा अनुष्ठानो में ईश्वर को नैवैद्य/भोग लगाने उपयोग करते है।इसे प्रधानमंत्री ने वन वर्ड मूवमेंट कहा।
क्या है प्रधानमंत्री की पंचामृत प्रस्ताव-:भारत 2030 तक गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को बढाकर 500 गीगावॉट करेगा।
:भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा जरुरत का 50% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा।
:भारत 2030 तक कुल कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करेगा।

:भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यस्था के कार्बन तीव्रता(Co2 की ग्राम में संख्या जब एक यूनिट बिजली बनायीं जाती है ) को 45% काम कर देगा।
:भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा,जिसका अर्थ है कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को पूरी तरह से खत्म कर देना। हालाँकि पंचामृत लक्ष्य पेरिस समझौते(2015) के ंड़क के  हिस्से नहीं थे।

अभी भारत कि स्थिति क्या है-भारत विश्व के प्रमुख कार्बन उत्सर्जकों में से एक है अभी भारत तीसरे स्थान पर है जबकि चीन प्रथम,usa दूसरे स्थान पर है।
COP -26 के बारे में-यह सम्मलेन ग्लासगो(स्कॉट्लैंड) में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलेगा।यह 26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मलेन है।

3-कॉप-26,सम्मेलन में ‘रेसिलिएंट द्वीप देशों के लिए बुनियादी ढांचे’ नामक पहल के शुरुआत पर प्रधानमंत्री का संबोधन

चर्चा क्यों है- प्रधानमंत्री ने छोटे द्वीपीय देशों के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए शुरू की गयी योजना इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर दी रेसिलिएंट आईलैंड स्टेट्स(IRIS) पर सम्बोधित किये।
अपने सम्बोधन में कुछ शंब्दो के माध्यम से अपनी बात रखी
1: Excellencies(महामहिम)-इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर दी रेसिलिएंट आईलैंड स्टेट्स अर्थात (IRIS) यह एक नयी आशा का संचार करता है साथ ही संतोष और विश्वास दिलाता है सबसे जोखिम भरे(वल्नरेबल) देशो को कुछ करने के लिए। उन्होंने इसके लिए यू एन सेक्रेटरीका आभार व्यक्त किया तथा ही CDRI(कोअलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर) बधाई दिए।
2:उनका कहना था कि जलवायु परिवर्तन से कोई बचा नहीं है चाहे विकसित या विकासशील देश हो,परन्तु जलवायु परिवर्तन से सबसे बड़ा खतरा सीड्स यानि (स्माल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स) को है ये इनके लिए जीवन मृत्यु कि बात है तथा इनके अस्तित्व के लिए चुनौती है।
3:Friends(मित्र)- उन्होंने कहा कि ये सीड्स देश सदियों से प्रकृति के साथ समन्वय बनाते रहे है और प्रकृति के स्वाभाविक चक्र के साथ अनुकूलन करना भी जानते है परन्तु कुछ स्वार्थपूर्ण वयवहार के कारण ये सीड्स देश प्राकृत के अस्वाभाविक रूप और परिणाम से प्रभावित होते आ रहे है अतः CDRI/IRIS केवल बुनियादी सुविधा की बात न होकर मानव कल्याण के लिए सबसे संवेदनशील जिम्मेदारी का भाग है।
4: प्रधानमंत्री ने कहा कि CDRI का कोई कल्पना न होकर वर्षो के मंथन और अनुभव का परिणाम है। ऐसे में भारत भी छोटे द्वीपों पर मंडरा रहे जलवायु परिवर्तन के खतरे को भांपते हुवे पसिफ़िक द्वीप और CARICOM के साथ सहयोग की बात की है,साथ ही भारत की स्पेस एजेंसी ISRO सीड्स के लिए एक स्पैशल डाटा विंडो का निर्माण करेगी।
5:उन्होंने आगे कहा कि CDRI और सीड्स ने मिलकर IRIS को बनाया है जो कि को-क्रिएशन और को-बेनिफिट्स का बेहतरीन उदहारण है। इसके माध्यम से सीड्स को तकनीक,वित्त,की जानकारी शीघ्रता से ज्ञात होगी तथा क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी जिससे जीवन और आजीविका दोनों को लाभ होगा

4-जयपुर ने मनाया राष्ट्रिय आयुर्वेद दिवस 2021

प्रमुख तथ्य-छठे राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर राष्ट्रिय आयुर्वेद संस्थान ने संगोष्ठी का आयोजन किया।
: इसका थीम था-पोषण के लिए आयुर्वेद”।
: इस दो दिवसीय कार्क्रम में स्वास्थ्य जीवन के लिए सेहत और निवारक देखभाल के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।
:कार्यक्रम की शुरुआत धन्वंतरि पूजा से की गयी।
:आयुष के क्षेत्र में राज्य और केंद्र आपस में सहयोग करेंगे।
:इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री सर्वानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान पंचकूला के लिए 260 करोड़ के बजट कि घोषणा की।

5-आयुष्मान सीएपीएफ योजना कि शुरुआत

चर्चा का कारण- आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में इस योजना की राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत की।
प्रमुख तथ्य-:केंद्रीय मंत्री ने इसकी शुरुआत NSG के जवानो को आयुषमान कार्ड दे कर की तथा सभी जवानो को आयुष्मान CPF योजना के कार्ड को बांटने के लिए इसे NSG के महानिदेशक को सौपे।
:आयुष्मान CPF योजना को 23 जनवरी 2021 को अस्मा से पायलट आधार पर शुरू किया गया था।
: बांटे गए सभी कार्डो का विवरण गृह मंत्रालय कि वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
:दिसंबर 2021 लगभग 35 लाख कार्ड वितरित कर दिए जायेंगे।
:योजना के अंतर्गत CAPF कर्मी तथा उनके परिवार के सदस्य अब आयुष्मान भारत PMJAY या CGHS के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस सुविधा का लाभ उठा सकते है।
:CAFP लाभार्थियों के निर्बाध सेवा के लिए NHA ने एक विशेष टोल फ्री नंबर 14588 भी शुरू किया गया है।
:यह योजना गृह मंत्रालय,तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्री स्वास्थ्य प्राधिकरण(NHA) कि संयुक्त पहल है।
:इस योजना का लाभ गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जैसे -असम राइफ़ल,सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल,केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल,भारत -तिब्बत सिमा पुलिस,सशत्र सिमा बल, और राष्ट्रिय सुरक्षा गॉर्ड के सभी सेवारत कर्मी और उनके आश्रित इसमें कवर होंगे।

6-इसरो शीघ्र ही सौर ऊर्जा कैलकुलेटर एप्लिकेशन प्रदान करेगा

ग्लास्गो COP-26 सम्मलेन

चर्चा का कारण है- प्रधानमंत्री ने ग्लास्गो COP-26 सम्मलेन में इसकी उद्घोषणा कहा कि यह ऐप दुनिया के किसी क्षेत्र के सौर ऊर्जा क्षमता कोमाप लेगा
प्रमुख तथ्य-यह ऐप किसी भी स्थान पर सौर ऊर्जा क्षमता को करेगा।
:जरुरी स्थानों को भी प्राप्त किया जा सकता है।
:डाटा के साथ प्रतिबिम्ब भी दिखता है।
:एक वर्ष में अलग-अलग समयावधि में ऊंचाई और दिगंश(गोले में बने एक विशेष कोण कि माप) के कोणों के साथ दिन की लम्बाई भी बताता है।
:यह भारतीय भूस्थिर उपग्रहों के डाटा का उपयोग करके मासिक और वार्षिक सौर क्षमता को संसाधित(Processed) करता है।
:यह वास्तविक सौर क्षमता कि गणना करने के लिए मासिक न्यूनतम और अधिकतम तापमान को भी दिखाता है।
:भूआकृति के कारण सूर्य के प्रकाश कि बाधा को डिजिटल एलिवेशन मॉडल द्वारा मापता है।
:इसके द्वारा सौर पीवी(फोटोवोल्टिक) स्थापना के लिए सबसे उचित झुकाव कोण को भी बताया जाता है।
:सारी गणनाओं को देखने के लिए इंटरनेट आवश्यक है साथ ही इसका पीडीएफ फाइल बनाया जा सकता है।
:यह वन सन, वन वर्ल्ड,वन ग्रिड कि समस्या समाधान में सहायक होगा

https://www.isro.gov.in/hi/%E0%A4%87%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%8B-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%8C%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A4%B0-%E0%A4%8F%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%89%E0%A4%87%E0%A4%A1-%E0%A4%90%E0%A4%AA-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE

7-पाकल जल विद्युत् परियोजना

क्यों है चर्चा में-पाकल जल विद्युत् परियोजना के मरुसुदर नदी के मोड़ का उद्घाटन 1 नवंबर 2021 को केंद्रीय विद्युत्,नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने किया।
प्रमुख तथ्य- यह परियोजना जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में है।
:यह परियोजना 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य को पूरा करेगा।
:इसमें कुल 8212 करोड़ का निवेश किया जा रहा है
; इसे तय समय में पूरा करने के लिए कॉफरडैम और कंक्रीट फेस रॉकफिल डैम को तेज और योजना बद्ध तरीके से काम का सुझाव दिया।
:ग्रिड संतुलन और अधिकतम बिजली उत्पादन के लिए जल विद्युत् परियोजनाओं का शीघ्रतम निर्माण जरुरी है।
पाकल जल विद्युत् परियोजना के बारे में–1000 मेगावाट क्षमता वाली यह परियोजना है जिसका निर्माण चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह भारत सरकार उपक्रम नेशनल ह्यड्रोलिक पावर कारपोरेशन(NHPC) और जम्मू और कश्मीर सरकार के जम्मू एंड कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन(JKSPDC) का संयुक्त उद्यम कंपनी है,इस बांध द्वारा 10 किमी लम्बे हेडरेस टनल का उपयोग करके पानी के बहाव को दक्षिण की और मोड़ देगा
मरुसूदर नदी के बारे में –यह चिनाब की सबसे बड़ी सहायक नदी है,जो भंडालकोट में इससे मिलती है।

 


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By gkvidya

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