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1 -पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे का प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों है-उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा – पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे का उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में जुलाई 2018 में
शिलान्यास किया गया था जिसका उद्घाटन का प्रधानमंत्री द्वारा 16 नवंबर, 2021 को सुल्तानपुर इलाका में किया गया। प्रधानमंत्री ने वायुसेना के मालवाहक विमान सी-130जे हरक्युलिस से एक्सप्रेस वे पर पहुंचे थे।
प्रमुख तथ्य -:यह एक्स्प्रेस-वे महज 36 महीनों के भीतर बनकर तैयार हुआ है।
:यह उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य बन गया है।
:पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 341 किलोमीटर लंबा है जिसकी कुल लागत लगभग 22,500 करोड़ रुपये रही है।
:यह एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों से होकर गुजरेगा।जो लखनऊ में सुल्तानपुर रोड पर स्थित ग्राम चाँद सराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से कुछ दुरी पर स्थित गांव हैदरिया जिला गाजीपुर पर समाप्त होगा।
:यह एक्सप्रेस वे 6 लेन का है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
:इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अधिकतम स्पीड को 120 किमी प्रति घंटा के हिसाब से डिजाइन किया गया है,परन्तु अभी इस पर वाहनों की गति 100 किमी प्रति घंटा तक छूट दी गयी है।
:इस एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन किलोमीटर की एयर स्ट्रिप बनाई गई है जिस पर आपात स्थिति में सेना के जहाजों को उतरा जा सकता है।
:इस एक्सप्रेस वे पर आठ स्थानों पर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा।
:यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरी की गई सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है।
:इस एक्सप्रेस वे से लखनऊ से गाजीपुर तक की यात्रा का समय 6 घंटे से घटाकर 3.5 घंटे हो जाएगा। 

2-भूमि संवाद -(DILRMP )कार्यशाला का आयोजन किया गया 

सन्दर्भ- 16 नवंबर 2021 को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिल्ली स्थित इंडिया हैबीटेट सेंटर में भूमि संवाद-डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP ) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया इन्होने इसके साथ राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) पोर्टल और डैशबोर्ड भी लॉन्च किया।
उद्देश्य- इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय भूमि रिकार्ड आधुनकीकरण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
प्रमुख तथ्य-:इसके साथ केंद्रीय मंत्री ने विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या(ULPIN) के बारे में बताया की यह भी एक प्रकार का आधार नम्बर की तरह ही है जिसमे भूखंड के लिए भू निर्देशांक के आधार पर एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाती है जिससे उस भूखंड की एक अलग पहचान रहे।
:यह संख्या 14 अंको की होगी जिसे आधार और रेवेन्यू सिस्टम से जोड़ा दिया जायेगा ताकि प्रत्येक भूखंड की अलग पहचान रहे,इसके लिए इसे मानचित्र में अक्षांश और देशांतर के आधार पर चिन्हित किया जायेगा।
:इसके कारण खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि धोखाधड़ी और भूअभिलेख विवादो पर नियंत्रण लग जायेगा। भूमि स्वामित्व का स्पष्ट पता लगेगा और झूठे दावों पर रोक लग जाएगी,भूमि अधिग्रहण आसान होगा,तथा भूमि लेनदेन में पारदर्शिता आयेगी। इसे 13 राज्यों में चलाया जा रहा है तथा 6 और राज्यों में परिक्षण के दौर में है,इसे पुरे देश में 2021-2022 के अंत तक लागू करने का लक्ष्य है।
:NGDRS (राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली) क्या है-यह एक आंतरिक उन्नत सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जिसके द्वारा पंजीकरण किया जायेगा जिसे भारत में राज्य विशेष जरूरतों के अनुसार विन्यास/व्यस्थित कर सकते है।

यहाँ क्लिक करें- NGDRS

3-मधुमेह के लिए नई ओरल दवा विकसित की गयी

सन्दर्भ-मधुमेह से पीड़ित लोगो के लिए हाल ही में मुँह से सेवन की जाने वाली एक नई दवा को विकसित किया गया है।
प्रमुख तथ्य-इस दवा का विकास येल विश्व विद्यालय के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर तारेक फहमी द्वारा किया गया है।
: उनके इस खोज को नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग ने प्रकाशित किया था।
: यह रोगियों के लिए इन्सुलिन की जगह काफी आसान विकल्प के रूप में होगी।
: इस दवा से शीघ्रता से रक्त शर्करा को नियंत्रित करती है तथा अग्न्याशय के क्रियाशीलता को पुनः कायम करके अग्न्याशय में सामान्य प्रतिरक्षा को पुनः स्थापित कर देती है।
:इस दवा में पॉलीमराइज्जड उर्सोडेओक्सीकोलिक(URSODEOXYCHOLIC) अम्ल (एसिड) जो की एक पित्त अम्ल है से बने नैनो कण शामिल किये गए है।
:मधुमेह का कारण अग्न्याशय से इन्सुलिन के कम बनने या शरीर द्वारा इसके प्रभावी ढंग से उपयोग न कर पाने की दशा में होता है। जिसमे रक्त में शर्करा बढ़ जाता है।
:इस बीमारी को हाइपरग्लाइसीमिया भी कहा जाता है। इसके अलावे जब रक्त से शर्करा की मात्रा कम हो जाती है तो इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते है।
:इन्सुलिन की खोज सर फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग और हर्वट बेस्ट ने किया था।

4-साइबर सिक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज विजेताओं को किया गया सम्मान

सन्दर्भ- केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कल 18 नवंबर 2021 को साइबर सिक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज विजेताओं को सम्मानित किये।
उद्देश्य-साइबर सिक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज अपनी तरह का पहला ऐसा कार्यक्रम है जिसके द्वारा देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
महत्त्व –इसके माध्यम से साइबर सुरक्षा को मजबूती मिलेगी तथा लोगो और समाज के लाभ के लिए समाधानों का विकास भी किया जायेगा।
साइबर सिक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज-इसकी शुरुआत 15 जनवरी 2020 को नवाचार को बढ़ावा देने और भारतीय साइबर सुरक्षा उत्पादों के विकास को गति देने हेतु भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।जिसमे पुरस्कार राशि 3.2 करोड़ रखी गयी थी।
प्रमुख तथ्य- :इसमें प्रतिभागियों को समस्या बयांन क्षेत्रों के बीच एक समाधान बनाना था और तीन चरणों -(आईडिया,एमवीपी और फाइनल) के माध्यम से मूल्यांकन करने के बाद एक जूरी द्वारा विजेताओं की घोषणा करनी थी।
: फिर ग्रैंड चैलेंज के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन प्रतिभागियों के मार्गदर्शन के लिए किया गया।
: इसमें विजेता को 1 करोड़,पहले रनर-अप को 60 लाख और दूसरे रनर-अप को 40 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी है।
: इसके अतिरक्त इसके एक भाग के रूप में स्टार्टअप द्वारा निर्मित उत्पाद का आईपीआर(बौद्धिक सम्पदा अधिकार) भी इसके स्वामित्व में ही रहेगा।
: इसका यूट्यूब पर भी प्रसारण किया गया था।
: इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें– साइबर सिक्योरिटी ग्रैंड चैलेंज

5-खबरों में क्यों है भारत का राष्ट्रिय पशु बाघ 

सन्दर्भ- 18 नवंबर का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है क्योकि इसी दिन 1972 में बंगाल टाइगर को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाया गया था।
प्रमुख तथ्य-:इस ऐतिहासिक निर्णय को भारतीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा लिया गया था।
:वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत के साथ ही बंगाल टाइगर को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था।
:किसी देश का राष्ट्रीय पशु अक्सर देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व करता है।
और भारत के लिए रॉयल बंगाल टाइगर आकर्षण और शक्ति का प्रतिक है।
:बंगाल टाइगर का संबंध में बिल्ली परिवार से हैं जो इस परिवार की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली उप-प्रजाति है।
:इसका वैज्ञानिक नाम है-पैन्थेरा टाइग्रिस है परन्तु इसका पूर्व का वैज्ञानिक नाम फेलिस टाइग्रिस था,जिसे बाद में बदलकर पैंथर वंशज में शामिल कर दिया गया था
:इस समय ये IUCN की रेडलिस्ट- संकटग्रस्त (एंडेंजर्ड) में शामिल है।
:इनका औसत जीवन काल 8-10 वर्षों का होता है।
:भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर इस पशु की उपस्थिति पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है।
:ये भारत के अलावा मलेशिया और बांग्लादेश का राष्ट्रीय पशु भी बाघ ही है।
:हाल ही में की गयी जनगणना के अनुसार भारत में कुल 2967 बाघ है जिनमें सर्वाधिक मध्यप्रदेश में फिर क्रमशः कर्नाटक और उत्तराखंड में पाए जाते हैं।

6-भारत दोबारा यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में चयनित 

सन्दर्भ-भारत एक बार फिर से यूनेस्को यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के कार्यकारी बोर्ड में चुना गया है,जिसकी अवधि 2021-2025 होगी।
प्रमुख तथ्य- :इस संबंध में भारत के पेरिस में स्थित स्थाई प्रतिनिधि मंडल की ओर से जानकारी दी गई है।
:इससे पहले भी भारत 2017-2021 तक की अवधि के लिए इसका सदस्य रह चूका है।
:इस बार इस पांचवें ग्रुप में भारत के अलावा एशियाई और प्रशांत राज्यों, जापान,वियतनाम,कुक आईलैंड्स और चीन को भी चुना गया है।
यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड-यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के तीन संवैधानिक अंगों में से एक है जिसे सामान्य सम्मेलन द्वारा चुना जाता है।इस कार्यकारी बोर्ड का कार्य संगठन के कार्यक्रमों और महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत बजट अनुमानों की जांच करना है,इस बोर्ड में कुल 58 सदस्य होते हैं जिनमें से प्रत्येक का कार्यकाल 4 वर्ष का होता है।

 


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By gkvidya

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