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1-भारत ने अंटार्कटिका के लिए अपना 41वां वैज्ञानिक अभियान शुरू किया

चर्चा क्यों है- हाल ही में भारत ने अंटार्कटिका के लिए वैज्ञानिक अभियान शुरू किया है जो भारतीय अंटार्कटिका प्रोग्राम का 41 वैज्ञानिक अभियान
प्रमुख तथ्य- :इस कार्क्रम का क्रियान्वयन नेशनल सेण्टर फॉर पोलर एंड ओसियन रिसर्च अर्थात एनसीपीआर (NCPOR) द्वारा किया जा रहा है जो की पृथ्वी विज्ञानं मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है। इसी के द्वारा ध्रुवीय एवं दक्षिणी महासागर क्षेत्रों में अनुसन्धान गतिविधियों को किया जाता है।
:इस अभियान का पहला बैच पिछले सप्ताह ही मैत्री स्टेशन पहुंचा है,जिसमे 23 वैज्ञानिक एवं सपोर्ट स्टॉफ शामिल है।
:इस अभियान का नेतृत्व NCPOR मैत्री एवं भारती स्टेशन के वैज्ञानिक कर रहे हैं।
: इसके तहत दो प्रोग्राम शामिल किये गए है-जिसमे पहला है भारती स्टेशन पर अमेरी आइस शेल्फ भूगर्भीय पता लगाना तथा दूसरा है मैत्री के पास 500 मीटर आइस कोर की ड्रिलिंग के लिए सर्वेक्षण करना।
: भारतीय आर्कटिक प्रोग्राम की शुरुआत 1981 में की गई थी और अबतक 40 वैज्ञानिक अभियान पूरे किए जा चुके हैं।
इसके लिए अंटार्टिका में तीन स्थायी रिसर्च बेस स्टेशन बनाये गये जिनके नाम है – दक्षिण गंगोत्री,मैत्री एवं भारती।
वर्तमान में मैत्री और भारती पूरी तरह से चालू है जबकि दक्षिण गंगोत्री को बंद कर दिया गया है।

2-सऊदी अरब ने बनाया विश्व का पहला गैर-लाभकारी शहर

चर्चा में क्यों है- सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में विश्व के पहले गैर लाभकारी शहर यदि नॉनप्रॉफिट सिटी की स्थापना की घोषणा की।
प्रमुख तथ्य-: यह शहर रियाद के निकटवर्ती ईरकाह में करीब 3.4 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थित होगा।
:इस शहर का मास्टर प्लान एक मानव केंद्रित और उन्नत डिजिटल महानगर का प्रतिक होगा जिसमे पर्यावरणीय अनुकूलन का ध्यान रखा जायेगा।
:इस शहर में नवाचार,उद्यमिता,एआई(AI),IoT,और रोबोटिक्स में नवोन्मेषको आदि को बढ़ावा स्थान प्रदान करेगा।
:यह युवाओं और स्वयंसेवी समूहों के साथ-साथ स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय गैर लाभकारी संस्थानों के लिए इनक्यूबेटर का काम भी करेगा।
:इसमें एक विज्ञान संग्रहालय,कला अकादमी,आर्ट गैलरी,प्रदर्शन कला थिएटर,खेल,खाना पकाने की अकादमी और एकीकृत आवासीय परिसर भी होगा।
:यह शहर दुनियाभर से सामुदायिक योगदान को बढ़ावा देने के लिए उद्यम पूंजी कंपनियों और निवेशकों की मेजबानी करेगा,ताकि नए उद्यमों का समर्थन और इन्क्यूबेशन किया जा सके।
:इस शहर के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए कुल क्षेत्रफल का 44% से अधिक क्षेत्र हरे-भरे खुले स्थानों के लिए आवंटित किया जाएगा।
:इस शहर के स्थापना का लक्ष्य देश के युवाओं के बीच नेतृत्व कौशल विकसित करने और सीखने की ईक्छा को प्रोत्साहित करके एक जीवंत सऊदी युवा प्रतिभा प्रणाली बनाना है।

3-वाराणसी में शुरू हो गया काशी उत्सव 

चर्चा में क्यों है-रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सम्मलेन केंद्र द्वारा काशी की विरासत और संस्कृति का उत्सव मनाने के लिए इसे आरम्भ किया गया है।
प्रमुख तथ्य-: इसका आयोजन 16-18 नवंबर 2021 तक होगा।
: इसे संस्कृति मंत्रालय के तत्वाधान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में मनाया जा रहा है।
: इस आयोजन के दौरान विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कृतियों पर परिचर्चा,प्रदर्शनी,और लघु चलचित्रों के माध्यम से महान विभूतियों के जीवन दर्शन को प्रदर्षित किया जायेगा।
: ये विभूतियाँ है-गोस्वामी तुलसी दास,संत रैदास,संत कबीर दास,मुंसी प्रेमचंद,भारतेन्दु हरिश्चंद्र और जयशंकर प्रसाद।
: 16 नवंबर का प्रोग्राम-काशी परिचर्चा-काशी के हस्ताक्षर(विषय/थीम),काशी के चलचित्र,काशी की कला,और मै काशी हु।
:17 नवंबर का प्रोग्राम/-कबीर,रैदास की बानी और निर्गुण काशी (विषय/थीम)
:18 नवंबर का प्रोग्राम/- कविता और कहानी काशी की जुबानी (विषय/थीम)

क्लीक करें-काशी उत्सव 2021  

4-अरुणाचल की राजकीय तितली बनी”केसर-ए-हिन्द” तितली

चर्चा का विषय-अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल ने 13 नवंबर को “केसर-ए-हिन्द” तितली को राजकीय तितली के रूप में मान्यता दे दी। इसके निर्णय के लिए कैबिनेट की बैठक पहली बार केसांग जिले के पक्के टाइगर रिज़र्व में आयोजित की गयी,जहा इसके साथ कॉर्बन उत्सर्जन को काम कर सतत विकास के उद्देश्य से “जलवायु परिवर्तन-लचीला एवं उत्तरदायी अरुणाचल प्रदेश””पक्के टाइगर रिज़र्व 2047 घोषणा” को भी अपनाया गया।

प्रमुख तथ्य-:इसे मुख्य रूप से दक्षिणी चीन में पाया जाता है। साथ ही नेपाल भूटान वियतनाम म्यांमार लाओस आदि देशों में भी पायी जाती है।
:यह आकार में बड़ी और चमकीली होती है,जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोपालपस इम्पीरियलिस है
: इसे “भारत का सम्राट” कहा जाता है इसके पंखो की लम्बाई 90-120 मिमी का होता है।
:ये समशीतोष्ण वन वाले हिमालयी क्षेत्रों में काफी ऊंचाई पर पाए जाते है।
:इसकी उपस्थिति वह के पर्यावरण एवं बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र एवं वहां के संरक्षण के बारे में बताता है।
:यह दुर्लभ एवं स्वालोटेल तितलियों में से एक मानी जाती है।
:इनका संरक्षण भी वन्यजीव सरंक्षण अधिनियम 1972 के अनुसूची -2 और CITES के परिशिष्ट-2 के अंतर्गत किया जाता है।
:अभी ये IUCN की सूची में निकट संकटग्रस्त की कैटेगरी में है।

5-आज से झाँसी में शुरू होगा राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व 

चर्चा क्यों है- 17 -19 नवंबर के बीच चलने वाले इस पर्व का उद्घाटन रक्षा मंत्री द्वारा राज गंगाधर राव कलामंच(मुक्तकाशी) से आज़ादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में किया जायेगा।
प्रमुख तथ्य-: प्रधानमंत्री भी इस अवसर पर 19 नवंबर को रानी लक्ष्मी बायीं के जन्मदिन के अवसर पर झाँसी किले में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्रालय के नयी पहल का उद्घाटन करेंगे।
: इस दिन प्रधानमंत्री कई योजनाओं को राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे।
: 100 नए सैनिक स्कूल की स्थापना,NCC का बॉर्डर और कोस्टल एरिया में विस्तार,NCC एलुमिनी एसोसिएशन,और कैडेटो के लिए राष्ट्रीय सिमुलेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा।
:एलुमिनी एसोसिएशन का पहला सदस्य प्रधानमंत्री को बनाया जायेगा जिसका आजीवन शुल्क मात्र 100 रुपये है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू होगा जिससे करोड़ो पूर्व कैडेटो को जोड़ा जायेगा।

6-TECH NEEV(नींव)@75 की शुरुआत की विज्ञानं और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने

सन्दर्भ-केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में इसका उद्घाटन किये,साथ ही सफल स्टार्टअप्स के साथ बातचीत भी किये।
TECH NEEV(नींव)@75 क्या है-यह एक उत्सव है जो एक वर्ष तक चलेगा,और जो समान समावेशी आर्थिक विकास करने हेतु समुदायों को मजबूत बनाने में विज्ञानं और प्रौद्योगिकी नवाचारों के प्रभाव को बताता है।
यह 75 घंटे का कार्यक्रम है जिसमे लाभार्थियों के अनुभव करना,सामाजिक परिवर्तन लेन वाले सम्मलेन और गोलमेज चर्चा आदि शामिल है। इसमें 75 प्रभावशाली कहानियों का संकलन किया गया है।इसके माध्यम से पुरे भारत में बेहतर आजीविका परिणामो के लिए विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी नवाचार(STI) अपनाने के लिए एक मजबूत आधार दिया जाएगा।
प्रमुख तथ्य-:सरकार की यह पहल आदिवासी समुदायों के बीच वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु 2022 के अंत तक देश के विभिन्न भागों में 30 विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी नवाचार(STI) हब स्थापित करेगी। जिससे पूर्ण सामाजिक आर्थिक विकास करने में मदद मिलेगी।
:प्रस्तावित 75 विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी नवाचार(STI) हब से विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 20 पहले ही स्थापित किये जा चुके है। जिससे लगभग 20000 से ज्यादे लोगो को वभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिलेगा।


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By gkvidya

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