1-रूस ने शुरू की S-400 वायु रक्षा प्रणाली की डिलीवरी
चर्चा में क्यों है- रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी दिमित्री शुगेव जो निदेशक है रूस की फ़ेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन के,ने कहा है की भारत को S-400 वायु रक्षा प्रणाली की डिलीवरी तय योजना के अनुरूप की जा रही है।
प्रमुख तथ्य- :इस S-400 मिसाइल के पहले बैच की आपूर्ति दिसम्बर में होगी,राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा से पहले।
:भारत और रूस के बीच इस सिस्टम का डील 2018 में ही 5.4 अरब डॉलर की हुई थी। जिसकी आपूर्ति 5 सालों के भीतर करने की उम्मीद है।
:इस वायु रक्षा प्रणाली के बेहतर परिचालन के लिए वायुसेना के कई कर्मियों को रूस में प्रशिक्षित किया गया है।
:इनकी तैनाती सबसे पहले पश्चिमी सीमा पर की जाएगी।
:S-400 में चार अलग अलग मिसाइलों को लगाया गया है जो प्रतिद्वंदियों के विमानों,बैलेस्टिक मिसाइलों इत्यादि को क्रमशः 400 किमी,250 किमी,120 किमी और 40 किमी की दूरी से ही ध्वस्त कर देगी।
:वर्तमान में S-400 वायु रक्षा प्रणाली तुर्की और चीन की सेनाओ के साथ सेवा में है।
भारत रूस शिखर सम्मलेन- दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में आयोजित होने जा रही है,जहा दोनों पक्ष 2021-2031 के बीच अपनी सैन्य तकनीकी व्यवस्था को नवीनीकृत करने और सैन्य ठिकानो पर रशद आपूर्ति सुविधाओं तक पहुंच की स्वीकृति हेतु आपसी समझोते (RELOS)के साथ अन्य अहम् मुद्दों और समझौतों पर वार्ता होगी।
परन्तु इससे पहले मास्को में दोनों देश रक्षा और विदेश मंत्रियों की 2 + 2 वार्ता का आयोजन करेंगे।
भारत पर अमेरिका का कैसा होगा असर- अमेरिकी चेतावनी के बाद भारत ने अपना रुख साफ करते हुवे इस समझौते को आगे बढ़ाया है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से आग्रह किया था कि इस समझौते पर कॉउंटेरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शंस एक्ट (CAATSA ) के तहत कोई प्रतिबन्ध न लगायी जाये।
क्या है CAATSA – यह अमेरिका द्वारा 2018 में बनाया गया एक दंडात्मक अधिनियम है जिसके माध्यम से वह अपने प्रतिद्वंदियों के विरोध का नियंत्रित करता है इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य रूस ईरान और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का विरोध करना है।
2-अब खास ट्रेनों को प्रदान किया जायेगा सात्विक प्रमाण पत्र
चर्चा में क्यों है –हाल ही में IRCTC,भारतीय सात्विक परिषद् के माध्यम से कुछ खास ट्रेनों को सात्विक सर्टिफिकेशन स्कीम के सात्विक प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।
उद्देश्य है-धार्मिक स्थलों पर सफर करने वाली ट्रेनों में शाकाहार अनुकूल सफर को बढ़ावा देना।
प्रमुख तथ्य-:यह योजना 15 नवंबर 2021 से शुरू की जाएगी।
: यह उन ट्रेनों को दी जाएगी जो धार्मिक स्थलों को जोड़ती है, इसके तहत सबसे पहले बन्दे भारत ट्रैन को चुना गया गया है,जो दिल्ली को कटरा से जोड़ती है जिसमे माता वैष्णो देवी के श्रद्धालु मुख्य रूप से दर्शन के लिए यात्रा करते है।
:इसके अतिरिक्त 18 अन्य ट्रेनों को भी यह प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
:ट्रेनों में सिर्फ शाकाहारी भोजन ही दिया जायेगा।
: शाकाहारी भोजन और किचन के लिए एक हैंडबुक भी विकसित किया जायेगा और इसमें दिए गए मेनू ही किचन में बनाये जायेंगे।
: यह प्रमाणन केवल ट्रैन को ही नहीं बल्कि कटरा और दिल्ली में यात्रियों के लिए बने लाउंज और जिंजर होटल के एक फ्लोर को भी दिया जायेगा।
:यह प्रमाण पत्र भारतीय सात्विक परिषद् द्वारा दिया जायेगा।
:योजना के अंतर्गत IRTCT के बेस किचन,बजट होटल,रेलनीर प्लांट्स,टूर एंड ट्रेवल पैकेज,फ़ूड प्लाजा इत्यादि को भी सात्विक प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
भारतीय सात्विक परिषद्(SCI)-इसे 2008-09 में आरम्भ किया गया था, जो की शाकाहारी और संबद्ध अनुयायियों के लिए “दुनिया का पहला शाकाहारी” खाद्य सुरक्षा और नियामक अनुपालन है,जो विशेष रूप से भारत और वैश्विक बाज़ारों के शाकाहरी उपभोक्ताओं के लिए शत प्रतिशत शाकाहारी माहौल/वातावरण की गारंटी देता है इसके लिए संभावित क्षेत्रों में मजबूत खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रणाली के स्थापना हेतु अपने एसओपी और मानको के द्वारा प्रमाणन करता है ताकि शाकाहारी उपभोक्ताओं में उच्च मानक के साथ विश्वास को सुनिश्चित किया जाये।
3-भदला में बना विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क
सन्दर्भ- राजस्थान में जोधपुर जिले के तहत सबसे सूखे क्षेत्र भदला में विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क बनाया गया है।राजस्थान सोलर एनर्जी उत्पादन अग्रणी राज्य हुआ है।
प्रमुख तथ्य- :यह पार्क 5700 हेक्टेयर(14000 एकड़) में फैला है जिसकी उत्पादन क्षमता 2245 मेगा वाट है।
: इस पार्क में कुल 10 मिलियन सोलर पैनल लगाए गए है।
:भदला को आधिकारिक और जलवायविक रूप से सबसे शुष्क क्षेत्रो से एक माना जाता है,जहाँ का सामान्य तापमान 46-48 डिग्री रहता है।
: इसके पूर्व कर्नाटक के पावगढ़ सोलर पार्क को विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क मन जाता था।
:इस परियोजना में 9900 करोड़ का निवेश किया जा चूका है।
: इसमें पहले से ही 18 वृहद् कंपनियों के 36 सोलर प्लांट्स को स्थापित किया जा चूका है।
: इसका चार फेजों में ऑक्शन(नीलामी) शुरू किया गया था जिसका आरम्भ NTPC द्वारा किया गया।
परियोजना की कमिशनिंग(शुरू करना )- NTPC ने इसे 22 फरवरी 2017 को पार्क में 115 मेगावाट क्षमता के साथ शुरू किया तथा छः चरणों में यह अपने वास्तविक क्षमता 2250 मेगावाट तक पंहुचा।
4-देश के पहले ऑडिट दिवस को सम्बोधित किये प्रधानमंत्री
सन्दर्भ- प्रधानमंत्री,देश में पहली बार CAG यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की उत्पत्ति और स्थापना के अवसर पर मनाये जा रहे पहले ऑडिट दिवस को सम्बोधित करेंगे।
कारण है –CAG द्वारा शासन,पारदर्शिता,एवं जवाबदेहिता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।
CAG के बारे में-भारत का सबसे उच्चत्तम संवैधानिक ऑडिट संस्थान है जिसका संविधान के अनुच्छेद 148-151 तक वर्णन किया गया है,महालेखाकार के रूप में इसके कार्यालय की स्थापना ब्रिटिश शासन में 1858 में किया गया था फिर 16 नवंबर 1860 को सर एडवर्ड ड्रमंड को पहला ऑडिटर जनरल बनाया गया,पुनः 1866 में इस पद का नामकरण नियंत्रक और महालेखा परीक्षक किया गया जिसे एकबार फिर से 1884 में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक कर दिया गया।
1919 में इसे संवैधानिक निकाय का दर्जा दिया गया और यह पद सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो गया। और इससे सम्बन्धी द CAG एक्ट 1971 भी लाया गया जिससे इसके पास अधिक शक्तियां दी गयी।
:सबसे पहले CAG बने वी नरहरी राव और वर्तमान के CAG है गिरीश चंद्र मुर्मू।