सन्दर्भ-11 वर्षों में पहली बार,जनवरी-मार्च 2022 के दौरान घरेलू पेटेंट दायर(Domestic Patent Filing) किए जाने की संख्या भारत में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग की संख्या से अधिक हुई।
प्रमुख तथ्य-भारत में IPR (Intellectual property Right) व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए DPIIT(Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।
:वित्त वर्ष 2014-15 ( 5978) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 ( 30,074) में पैंटेंट प्रदान किए जाने की संख्या में लगभग पांच गुनी बढोतरी हुई।
:पिछले सात वर्षों में पेटेंट दायर किए जाने की संख्या में 50% से अधिक बढोतरी हुई है अर्थात वर्ष 2014-15 ( 5978) की तुलना में 2021-22 (30074)
पेटेंट प्रदान किए गए।
:दायर किए गए कुल 19796 पेटेंट आवेदनों में से भारतीय आवेदकों द्वारा 10706 पेटेंट आवेदन दायर किए गए जबकि गैर भारतीयों ने 9090 आवेदन दायर किए।
:DPIIT तथा IP के समन्वित प्रयासों के कारण समाज के सभी वर्गों के बीच आईपी जागरूकता में बढ़ोतरी हुई है।
:यही कारण है कि IPR दायर करने की संख्या में वृद्धि हुई है,जब्कि IP कार्यालयों में पेटेंट आवेदन की विचाराधीन अवधि में कमी भी आई है।
:इन दोनों के प्रयास से ही भारत को वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के एक कदम और निकट ले जाएगा।
:विगत कुछ वर्षों में भारत की आईपी व्यवस्था को मजबूत बनाया है –
1-जिसमें ऑनलाइन फाइलिंग पर 10% की छूट।
2-स्टार्ट-अप्स,छोटी संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80% शुल्क रियायत।
3-अन्य वर्गों के साथ साथ स्टार्ट-अप्स,और एमएसएमई के लिए त्वरित परीक्षा के प्रावधान।
:वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में भारत की रैंकिंग वित्त वर्ष 2015-16 के 81वें स्थान की तुलना में बेहतर होकर 2021 के दौरान 46वें स्थान पर आ गई है।