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ग्रैंडालाग्रैंडाला
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सन्दर्भ:

: हाल ही में हिमाचल प्रदेश की सैंज घाटी में एक दुर्लभ ‘ग्रैंडला’ (Grandala) बिजली-नीले रंग का पक्षी देखा गया।

ग्रैंडाला के बारे में:

: यह थ्रश परिवार टर्डिडे की एक पक्षी प्रजाति है।
: वैज्ञानिक नाम: ग्रैंडाला कोइलिकोलर (Grandala Coelicolor)
: यह ग्रैंडाला वंश की एकमात्र प्रजाति है।
: यह एक वृक्षीय कीटभक्षी है।
: इसका वितरण:-

  • यह पूर्वोत्तर भारतीय उपमहाद्वीप और उसके आसपास के कुछ क्षेत्रों में फैला हुआ है, और मुख्यतः हिमालय की निम्न से मध्य ऊँचाई पर पाया जाता है।
  • यह भूटान, भारत, म्यांमार और नेपाल के साथ-साथ तिब्बत और चीन के अन्य क्षेत्रों में भी पाया जाता है।

: निवास स्थान- अल्पाइन और उप-अल्पाइन क्षेत्र, आमतौर पर 3,000 से 5,000 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं।
: इसकी विशेषताएँ:-

  • शरीर की लंबाई – 20.5-23 सेमी, वज़न 38 से 52 ग्राम
  • नर के पंख नीले-भूरे रंग के होते हैं, केवल पूँछ और पंख काले होते हैं।
  • मादा के पंख भूरे रंग के होते हैं जिन पर सफेद धारियाँ होती हैं, दुम धूसर-नीली होती है, पंखों का सिरा और निचला भाग सफेद होता है।
  • प्रजनन ऋतु के अलावा, ये अपने अनोखे झुंड बनाने के व्यवहार के लिए जाने जाते हैं।
  • ये शानदार झुंड कभी-कभी 200 तक व्यक्तियों से मिलकर बने होते हैं।

: संरक्षण स्थिति:-

  • IUCN लाल सूची: कम चिंताजनक।

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By gkvidya

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