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गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्यगांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य
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सन्दर्भ:

: मध्य प्रदेश में गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (GSWS) कुनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) के बाद अफ्रीकी चीतों का दूसरा घर बन जाएगा।

गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के बारे में:

: मध्य प्रदेश-राजस्थान सीमा पर उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित है।
: खाथियार-गिर शुष्क पर्णपाती वनों के अंतर्गत आता है।
: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-

  • 1974 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया और 1983 में इसका विस्तार 62 वर्ग किलोमीटर तक कर दिया गया।
  • चंबल नदी अभयारण्य को दो भागों में विभाजित करती है – पश्चिमी भाग नीमच जिले में और पूर्वी भाग मंदसौर जिले में।
  • बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र (IBA) के रूप में मान्यता प्राप्त है।

: वनस्पति:- वन प्रकार-

  • उत्तरी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन।
  • शुष्क मिश्रित पर्णपाती वन।
  • शुष्क पर्णपाती झाड़ियाँ।

: प्रमुख वृक्ष प्रजातियों में खैर (बबूल कत्था), सलाई, करधई, धावड़ा, तेंदू और पलाश शामिल हैं।

: प्रमुख जीव-जंतु:-

  • शाकाहारी: चिंकारा (भारतीय गजल), नीलगाय और चित्तीदार हिरण।
  • मांसाहारी: भारतीय तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा और सियार।
  • जलीय प्रजातियाँ: मगर मगरमच्छ, ऊदबिलाव, मछली प्रजातियाँ और कछुए।

: प्रमुख नदियाँ:- चम्बल नदी अभयारण्य से होकर बहती है, जो जलीय जैव विविधता को बढ़ाती है और वन परिदृश्य को विभाजित करती है।


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By gkvidya

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