Wed. Sep 17th, 2025
गवरी महोत्सवगवरी महोत्सव
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सन्दर्भ:

: हर साल मेवाड़ का भील समुदाय 40 दिनों तक अनुष्ठान के रूप में गवरी महोत्सव (Gavri Festival) मनाता है।

गवरी महोत्सव के बारें में:

: यह राजस्थान के भील समुदाय द्वारा जाने वाला 40 दिनों का नृत्य-नाटक उत्सव है।
: यह अभिनय और नृत्य का एक संयोजन है, जो देवी और दानव के बीच युद्ध को समर्पित है।
: यह सबसे लोकप्रिय दक्षिणी राजस्थानी अनुष्ठान भील जनजाति की दिव्य धारणा का संस्करण है।
: यह तीसरी या चौथी शताब्दी से अस्तित्व में माना जाता है, यह गुजरात के शासक सिद्ध राज जय सिंह के काल में प्रचलित था।
: देवी अम्बा और दानव भीमवाल के बीच एक पौराणिक युद्ध बुराई पर विजय की व्याख्या शामिल है।
: ‘गवरी’ की मूल कहानी भगवान शिव और राक्षस भस्मासुर की कहानी है।
: कलाकार उन गांवों में नाट्य प्रस्तुतियां देते हैं जहां उनकी विवाहित बहनें और बेटियां रहती हैं।
: इस प्रथा का उद्देश्य विवाह के बाद अपने प्रियजनों की गारंटी करना और उनमें गर्व और सुरक्षा की भावना पैदा करना है।
: यह नृत्य नाटिका कुशलता के साथ स्वांग और संवाद का संयोजन करती है, जिसे गवरी या राय नाच के नाम से जाना जाता है।
: इसके अलावा, ऊर्जावान पृष्ठभूमि संगीत और रंग-बिरंगे कलाकारों ने पूरे मंच को जीवंत बना दिया है।
: पूरे नाटक के दौरान, विभिन्न दृश्यों का मंचन किया जाता है, जिन्हें खेल कहा जाता है।
: कुटकड़िया नामक पात्र प्रत्येक दृश्य से पहले कुशलता से कहानी सुनाता है, जिससे दर्शक नाटक की कथा में पूरी तरह डूब जाते हैं।
: सभी कलाकारों की भूमिका पुरुषों द्वारा अभिनीत है, महिलाओं द्वारा नहीं


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By gkvidya

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