सन्दर्भ:
: जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं ने हाल ही में ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर सैकड़ों कश्मीरी पंडितों के साथ माता खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) में पूजा-अर्चना की।
खीर भवानी मंदिर के बारे में:
: यह हिंदू देवी रागन्या देवी को समर्पित है, जो देवी दुर्गा का अवतार हैं।
: महाराजा प्रताप सिंह ने 1912 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था, जिसे बाद में महाराजा हरि सिंह ने पुनर्निर्मित किया था।
: यह जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर के पास तुल्ला मुल्ला गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर है।
: मंदिर का मूल नाम भवानी मंदिर था, लेकिन बाद में प्रसिद्ध भारतीय मिठाई खीर के कारण इसे खीर भवानी के नाम से जाना जाने लगा, जो देवी को मुख्य प्रसाद है।
: देवी रागन्या देवी को कश्मीरी पंडितों द्वारा संरक्षक देवी के रूप में प्रमुखता से पूजा जाता है।
: मंदिर से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम मेला खीर भवानी का वार्षिक उत्सव है, जो मई या जून के दौरान ज्येष्ठ अष्टमी को मनाया जाता है।
: इसकी वास्तुकला:-
- मंदिर की वास्तुकला सरल है, फिर भी चिकने भूरे पत्थरों का उपयोग करके खूबसूरती से बनाई गई है।
- मंदिर की मुख्य वेदी एक तालाब के बीच में बनाई गई है।
- इस संरचना में एक संगमरमर का मंच है जिस पर देवी की मूर्ति गर्भगृह में रखी गई है।
- यह चार पत्थर के खंभे जैसी संरचनाओं से घिरा हुआ है जो मूर्ति की छत हैं।
- मंदिर के पश्चिमी छोर से एक पवित्र झरना भी बहता है, जो अपने रंग बदलने के लिए जाना जाता है।
- अफवाह यह है कि किसी भी आसन्न आपदा की चेतावनी के रूप में पानी काला हो जाता है।