सन्दर्भ:
: भारत के प्रधान मंत्री ने मुंबई में विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (WAVES) 2025 में ‘ऑरेंज इकॉनमी (Orange Economy)’ का समर्थन किया और वैश्विक कंपनियों से “भारत में निर्माण करें, विश्व के लिए निर्माण करें” का आग्रह किया।
ऑरेंज इकॉनमी के बारें में:
: ऑरेंज इकॉनमी, जिसे रचनात्मक अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है, में संस्कृति, कला, मीडिया, नवाचार और बौद्धिक संपदा द्वारा संचालित आर्थिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
: इसमें फिल्म, संगीत, डिजाइन, गेमिंग, प्रकाशन, प्रदर्शन कला, विज्ञापन और डिजिटल सामग्री निर्माण शामिल हैं।
: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-
- संस्कृति-केंद्रित: राष्ट्र की विरासत, कला और भाषा पर आधारित।
- प्रतिभा-संचालित: व्यक्तिगत रचनात्मकता और डिजिटल उपकरणों पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
- IP-केंद्रित: कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजिटल IP के माध्यम से राजस्व उत्पन्न करता है।
- उच्च रोजगार सृजन: मीडिया, डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी में बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करता है।
: इसका महत्व:-
- सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देता है: मनोरंजन और कहानी कहने के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत के सांस्कृतिक प्रभाव को बढ़ाता है।
- जीडीपी वृद्धि का समर्थन करता है: वैश्विक रचनात्मक अर्थव्यवस्था का मूल्य $2.25 ट्रिलियन (UNCTAD, 2023) से अधिक है; भारत का M&E क्षेत्र $28 बिलियन (2025) का है, जिसकी वृद्धि $100 बिलियन होने का अनुमान है।
- युवा रोजगार: भारत के युवा कार्यबल के लिए गतिशील कैरियर के अवसर प्रदान करता है।
