सन्दर्भ:
:लंदन, यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक (Night Frank)द्वारा जारी ‘एशिया पैसिफिक सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2021′ जारी किया गया।
प्रमुख तथ्य:
:सूचकांक में चार भारतीय शहरों ने एशिया पैसिफिक (APAC) सस्टेनेबल लेड सिटीज इंडेक्स रैंकिंग के शीर्ष 20 में जगह बनाई है।
:भारतीय शहरों में सबसे ऊपर बेंगलुरु, कर्नाटक, है जो APAC क्षेत्र में स्वर्ण मानक श्रेणी में 14वें स्थान पर था।
:अन्य 3 भारतीय शहर, दिल्ली (नई दिल्ली), हैदराबाद (तेलंगाना), और मुंबई (महाराष्ट्र), क्रमशः 17वें,18वें, और 20वें स्थान पर है,और रजत मानक श्रेणी प्राप्त की है।
:APAC क्षेत्र में शीर्ष पांच ग्रीन-रेटेड शहर सिंगापुर, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), वेलिंगटन (न्यूजीलैंड), पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) और मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) हैं।
:इन पांच शहरों ने इंडेक्स की उच्चतम श्रेणी-प्लेटिनम श्रेणी अर्जित की है।
:APAC के सतत नेतृत्व वाले शहरों के सूचकांक में शहरीकरण दबाव,जलवायु जोखिम, कार्बन उत्सर्जन और सरकारी पहलों के अनुसार 36 शहरों को स्थान दिया गया है।
:सूचकांक मानक पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) मेट्रिक्स को स्वीकार करने और अपनाने में शहरों की इच्छा को दर्शाता है।
:प्लेटिनम यह दर्शाता है कि शहर अच्छी तरह से उन्नत है और सभी हितधारकों से उच्च स्तर तक ईएसजी मेट्रिक्स को स्वीकार करने और अपनाने के लिए बेहद खुला है।
:गोल्ड अर्थात सोने का तात्पर्य है कि शहर थोड़ा उन्नत है और कुछ हद तक सभी हितधारकों से ईएसजी मेट्रिक्स को स्वीकार करने और अपनाने के लिए कुछ हद तक खुला है।
:सिल्वर अर्थात चांदी का अर्थ है कि शहर उन्नत है और सभी हितधारकों से ईएसजी मेट्रिक्स को सीमित डिग्री तक स्वीकार करने और अपनाने के लिए खुला है।
भारत के पीछे होने का कारण:
:सतत विकास में भारत की वृद्धि बाजार की नई गतिशीलता से प्रेरित है।
:भारतीय डेवलपर्स ने कार्बन तटस्थता और नेट ज़ीरो के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप मानकों के अनुरूप अपने उत्पादों को बढ़ाया है, जो पर्यावरण के अनुकूल परिसर के निर्माण पर केंद्रित है।