सन्दर्भ:
: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के संचालन को अधिसूचित किया है।
एकीकृत पेंशन योजना के बारें में:
: UPS (Unified Pension Scheme) उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत आते हैं और जो NPS के तहत इस विकल्प को चुनते हैं।
: NPS के अंतर्गत आने वाले वर्तमान और भावी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पास UPS या मौजूदा NPS योजना को जारी रखने के बीच चयन करने का विकल्प है।
: UPS पर स्विच करने का निर्णय लेने के बाद, इसे अंतिम और बाध्यकारी माना जाता है।
: पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) यूपीएस को चालू करने के लिए नियम जारी कर सकता है।
: एकीकृत पेंशन योजना के संचालन की प्रभावी तिथि 1 अप्रैल, 2025 होगी।
: इसकी मुख्य विशेषताएं है-
- यूपीएस कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर गारंटीकृत भुगतान प्रदान करता है।
- यह सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारी द्वारा प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% प्रदान करेगा, बशर्ते कि वे 25 साल की सेवा पूरी कर लें।
- 25 साल से कम लेकिन 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों को आनुपातिक आधार पर पेंशन मिलेगी।
- 10 या उससे अधिक वर्षों की अर्हक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए प्रति माह 10,000 रुपये का न्यूनतम भुगतान सुनिश्चित है।
- जो लोग 25 साल की सेवा के बाद स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होना चुनते हैं, उनके लिए भुगतान उस तारीख से शुरू होगा, जिस दिन वे काम करना जारी रखते तो सेवानिवृत्ति तक पहुँच जाते।
- सेवानिवृत्ति के बाद भुगतान धारक की मृत्यु की स्थिति में, धारक को स्वीकार्य भुगतान का 60% पारिवारिक भुगतान कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी को दिया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित भुगतान और पारिवारिक भुगतान पर महंगाई राहत उपलब्ध होगी।
- महंगाई राहत की गणना उसी तरह की जाएगी, जैसे सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते की गणना की जाती है।
- कर्मचारी के सेवा से हटाये जाने, बर्खास्त किये जाने या त्यागपत्र देने की स्थिति में UPS या सुनिश्चित भुगतान उपलब्ध नहीं होगा।
UPS के तहत योगदान:
: पुरानी पेंशन योजना के विपरीत, UPS अंशदायी है, जिसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।
: हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी ऋण में निवेश किया जाता है।