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“स्वचालित उत्पादन नियंत्रण परियोजना”

सन्दर्भ-केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने देश को स्वचालित उत्पादन नियंत्रण (Automatic Generation Control) परियोजना समर्पित किए।
महत्त्व-इस परियोजना से बिजली प्रणाली की फ्रीक्वेंसी और विश्वसनीयता को बनाये रखने में मददगार होगा।
उद्देश्य-इस परियोजना से 2030 तक 500000 मेगावॉट गैर जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को हासिल करना।
प्रमुख तथ्य-:फ्रीक्वेंसी बनाये रखने हेतु AGC हर चार सेकंड में बिजली संयंत्रों को सिग्नल भेजता है।
:AGC का संचालन POSOCO अर्थात पावर सिस्टम ऑपरेशन कारपोरेशन के नेशनल लोड डिस्पैच सेण्टर द्वारा किया जा रहा है।
:AGC परियोजना के तहत अब तक सभी पांच क्षेत्रों में 5100 मेगावॉट का उत्पादन आरम्भ है।
:बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने में AGC की महत्वपूर्ण भूमिका है फ्रीक्वेंसी को नियत्रण करने में यह प्रमुख उपकरण है।
:AGC ऊर्जा प्रणाली में विभिन्न बिजली संयंत्रों में कई उत्पादकों के बिजली उत्पादन को समायोजित करने की एक प्रणाली है।
:POSOCO ग्रिड फ्रीक्वेंसी को हमेशा 49.90 से 50.05 हर्ट्ज बैंड विड्थ बीच बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करता है।
:POSOCO,नेशनल लोड डिस्पैच सेण्टर(NLDC),और स्टेट लोड डिस्पैच सेण्टर(SLDC) और रीजनल लोड डिस्पैच सेण्टर(RLDC) के द्वारा भारत के महत्वपूर्ण बिजली लोड प्रबंधन कार्यों की देखरेख करता है।
:2022 में भारत 175 GW की अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने दिशा में अग्रसर है साथ ही 150 GW अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता हासिल कर ली है,63 GW अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापना के विभिन्न चरण में है जिसके अगले वर्ष तक पूर्ण होने की सम्भावना है।


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By gkvidya

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