सन्दर्भ:
: हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने एआई-सक्षम ई-तरंग प्रणाली (AI-enabled e-Tarang System) का शुभारंभ किया।
एआई-सक्षम ई-तरंग प्रणाली के बारे में:
: यह एक अनूठा सॉफ्टवेयर है, जिसे भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) के सहयोग से विकसित किया गया है।
: यह युद्ध और शांति दोनों समय के दौरान रक्षा उपकरणों के हस्तक्षेप-मुक्त संचालन के लिए योजना में सुधार करेगा।
: यह रक्षा स्पेक्ट्रम की स्वचालित, कुशल योजना और प्रबंधन को सक्षम करेगा, साथ ही उच्च आवृत्ति बैंड में नई प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करेगा।
: यह तेजी से निर्णय लेने का समर्थन करने के लिए तैयार है, जिससे आधुनिक रक्षा अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण नई प्रौद्योगिकियों के निर्बाध एकीकरण की अनुमति मिलती है।
BISAG-N के बारें में:
: यह भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है।
: यह प्रौद्योगिकी विकास और प्रबंधन, अनुसंधान और विकास, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा, क्षमता निर्माण, और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्यमिता विकास का समर्थन करता है।
: संगठन के तीन मुख्य डोमेन क्षेत्र हैं- उपग्रह संचार, भू-सूचना विज्ञान और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी।