सन्दर्भ:
: हाल ही में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री ने प्रकाश डाला कि इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत के लीडरों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना के बारें में:
: यह चुनिंदा निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक घटकों, जैसे प्रतिरोधक, कैपेसिटर, स्पीकर, माइक्रोफोन, विशेष सिरेमिक, रिले, स्विच और कनेक्टर, के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पहली समर्पित उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना है।
: इसका उद्देश्य- अपने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के साथ एकीकृत करके मूल्य श्रृंखला में निवेश (वैश्विक/घरेलू) आकर्षित करके एक मजबूत घटक निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना।
: यह योजना तीन प्रोत्साहन संरचनाएँ प्रदान करेगी:-
- टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन (राजस्व पर आधारित)
- पूंजीगत व्यय-लिंक्ड प्रोत्साहन (संयंत्रों और मशीनरी में निवेश के लिए)
- हाइब्रिड प्रोत्साहन मॉडल (दोनों का संयोजन)
: वर्ष और घटक के आधार पर, वृद्धिशील निवेश और कारोबार के लिए प्रोत्साहन 1-10% तक हो सकते हैं।
: सभी आवेदकों के लिए, जिनमें घटक निर्माता और पूंजीगत उपकरण उत्पादक दोनों शामिल हैं, रोज़गार सृजन एक अनिवार्य आवश्यकता होगी।
: इस प्रकार, यह योजना न केवल विनिर्माण को बढ़ावा देती है बल्कि कुशल रोज़गार भी सृजित करती है।
: इसकी अवधि- छह वर्ष है, जिसमें एक वर्ष की आरंभिक समयकाल (गर्भावर्ष) शामिल है।
: यह योजना विशेष रूप से निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर केंद्रित है, इसके विपरीत, सक्रिय घटक भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के दायरे में आते हैं।
: इस योजना से ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई उद्योगों को लाभ होगा।