सन्दर्भ:
: उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र से इमोक्रेसी (Emocracy) की ओर बदलाव पर राष्ट्रीय बहस का आह्वान किया तथा चेतावनी दी कि भावना से प्रेरित नीतियां सुशासन के लिए खतरा बन जाती हैं।
इमोक्रेसी के बारे में:
: इमोक्रेसी (भावना-प्रेरित लोकतंत्र) का तात्पर्य तर्कसंगत नीति-निर्माण के बजाय भावनाओं से प्रभावित शासन से है।
: यह साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की जगह लोकलुभावन बयानबाजी और भावनात्मक रूप से आवेशित आख्यानों को अपनाता है।
: इमोक्रेसी की मुख्य विशेषताएँ-
- भावना-संचालित नीतियाँ: शासन के निर्णय दीर्घकालिक योजना के बजाय जनता की भावनाओं पर आधारित होते हैं।
- लोकलुभावनवाद का उदय: नेता अत्यधिक चुनावी वादों के माध्यम से अल्पकालिक लोकप्रियता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- संस्थागत निर्णय-निर्माण में कमी: राजनीतिक विमर्श भावनात्मक अपील द्वारा आकार लेता है, जो विशेषज्ञ-संचालित नीतियों को दरकिनार कर देता है।
- आर्थिक बोझ: अनियोजित सामाजिक व्यय महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे में सरकारी निवेश को कम करता है।
- लोकतांत्रिक जवाबदेही में गिरावट: जनता का समर्थन भावनाओं से प्रभावित होता है, जिससे सरकारों को जवाबदेह ठहराना कठिन हो जाता है।