सन्दर्भ:
: इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग 2022 (IPRD- 2022) का आयोजन किया जाएगा।
IPRD- 2022 का उद्देश्य:
: इंडो-प्रशांत क्षेत्र के भीतर उत्पन्न होने वाले अवसरों एवं चुनौतियों दोनों की समीक्षा करना।
IPRD- 2022 का थीम/विषय है:
: ‘ऑपेरशनलाइज़िंग द इंडो पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI)’
IPRD- 2022 के बारें में:
: IPRD का चौथा संस्करण 23 नवंबर से 25 नवंबर 2022 तक आयोजित किया जाना है।
: तीन दिवसीय अवधि में छह पेशेवर सत्र होंगे।
: IPRD भारतीय नौसेना का एक शीर्ष स्तर का अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन है।
: साथ ही रणनीतिक स्तर पर भी नौसेना के कार्यकलाप की मुख्य अभिव्यक्ति है।
: नेशनल मेरीटाइम फाउंडेशन (NMF) इस आयोजन के प्रत्येक संस्करण में नौसेना का ज्ञान भागीदार तथा मुख्य आयोजक है।
: IPRD विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहता है और क्षेत्रीय व प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना चाहता है।
: ट्रैक 1.5 आयोजन होने के नाते इसका लक्ष्य सार्वजनिक नीति पर चर्चा को प्रोत्साहित करना है।
: इसके अतिरिक्त सरकार और गैर-सरकारी एजेंसियों एवं संस्थानों से संतुलित प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास भी करता है।
: IPRD के पहले दो संस्करण 2018 और 2019 में क्रमशः नई दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
: जबकि तीसरा संस्करण 2021 में ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया था।
: इस वार्षिक संवाद के माध्यम से भारतीय नौसेना एवं एनएमएफ, इंडो-प्रशांत क्षेत्र के सामुद्रिक डोमेन को प्रभावित करने वाले भूरणनीतिक विकास से संबंधित गंभीर चर्चाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है।
: इसके विषय/थीम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 04 नवंबर 2019 को 14वीं पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में बैंकाक में व्यक्त किया गया था।
: इंडो-प्रशांत रीजनल डायलॉग (IPRD-2022) का 2022 संस्करण उचित रूप से आईपीओआई एवं इसके क्रियान्वयन पर केंद्रित है- जिसमें अन्य विषयों के साथ साथ विशेष रूप से ‘समुद्री सुरक्षा’ पर ध्यान दिया जाना है।
: आईपीओआई क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक व्यापक एवं समावेशी ढांचा है जो सात इंटरकनेक्टेड स्तंभों पर टिका है:
1- समुद्री सुरक्षा
2- समुद्री संसाधन
3- समुद्री पारिस्थितिकी
4- आपदा जोखिम में कमी एवं प्रबंधन
5- क्षमता निर्माण एवं संसाधन साझाकरण
6- व्यापार-कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन
7- विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अकादमिक सहयोग