
सन्दर्भ-हर वर्ष भारत में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस जाता है।
प्रमुख तथ्य- :इस दिवस को किसान दिवस के रूप मे जाना जाता है।
:इसे भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
:इसी वजह से भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर वर्ष किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
:इस वर्ष तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के वापसी के पृष्टभूमि के रूप में मनाया जा रहा है।
चौधरी चरण सिंह-:इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में 1902 में हुआ था।
:ये पहली बार 1937 में छपरौली से विधानसभा के लिए चुने जाते है।
:एक किसान नेता के रूप में चौधरी चरण सिंह ने भारतीय किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम् भूमिका रही है।
:जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में इन्होने ने किसानों के लिए कई अहम् नीतियों का निर्माण किया।
:ये उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के प्रमुख वास्तुकार थे।
:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में इनकी सेवाएं दो बार रही अप्रैल 1967 से फ़रवरी 1968 और फरवरी 1970 से अक्टूबर 1970 तक।
:इनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था,जिसके कारण उत्तर :प्रदेश में 1 जुलाई 1952 को जमींदारी प्रथा ख़त्म हुई और गरीबों को उनका अधिकार मिला था।
इनकी कुछ रचनाएँ है-अबोलिसन ऑफ़ ज़मींदारी,कोआपरेटिव फार्मिंग एक्सरेड,इंडियाज पावर्टी एंड इट्स सॉलूशन्स,प्रिवेंशन ऑफ़ डिवीज़न ऑफ़ होल्डिंग्स बेलो ए सर्टेन मिनिमम,पैसन्ट प्रोप्रिटरशीप ऒर लैंड टू द वर्कर्स।
इस दिन का महत्त्व-यह कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानो को सशक्त बनाने का विचार देता है,साथ ही किसानो के विभिन्न मुद्दों के बारे में शिक्षित भी करता है।