सन्दर्भ-:भारत सरकार की और से कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने आईएएस कैडर नियमों में संशोधन को प्रस्तावित किया है।
:केंद्र ने हाल ही में राज्यों से आईएएस अधिकारीयों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए ऑफिसर्स की सूची भेजने के निर्देश दिए है।
क्यों जरुरी हुआ बदलाव-मंत्रालय के अनुसार राज्य केंद्रीय रम से नियुक्ति हेतु पर्याप्त संख्या में अधिकारीयों को उपलब्ध नहीं करा पा रहे है जबकि राज्यों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिज़र्व में भागीदारी देना जरुरी है। इसी वजह से केंद्र में आईएएस अधिकारीयों की कमी है।
वर्तमान में कैसे होती है नियुक्ति-अधिकारीयों की नियुक्ति आईएएस नियम -1954 के आधार पर की जाती है परन्तु राज्य कैडर आवंटन के बाद वे राज्य सरकार के अधीन आ जाते है।
कैसे होती है प्रतिनियुक्ति-आईएएस कैडर नियमों के अनुसार एक आईएएस अधिकारी को सम्बंधित राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सहमति के बाद ही केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है।
प्रस्तावित संशोधन-:भारत सरकार ने अब नियम (6) में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है जिसके तहत केंद्र सरकार,केंद्र और सम्बंधित राज्य के अनुपात में आनुपातिक रूप से अधिकारीयों की नियुक्ति करना चाहती है। अगर इसमें किसी तरह की असहमति बनती है तो इसका फैसला भी केंद्र सरकार ही करेगी।
:जिसके बाद राज्य सरकारें एक तय समय में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को लागू करेगी।
:वर्तमान नियम के अनुसार राज्य सरकारों की असहमतियों की स्थिति में फैसला लेने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।
:अभी इस पर राज्य सरकारों को 25 जनवरी 2022 तक जवाब देना है।
:इस पर राज्यों ने अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी है जिसमे पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर आपत्ति जतायीं है और आग्रह किया है कि इससे अधिकारीयों में भय का माहौल बनेगा तथा राज्यों में प्रशासन व्यवस्था भी प्रभावित होगी।
:नियम 6 यह भी कहता है कि किसी भी अधिकारी को उसकी सहमति के बगैर किसी भी संगठन में नियुक्त नहीं किया जाएगा।