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अलकनंदा गैलेक्सीअलकनंदा गैलेक्सी
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सन्दर्भ:

: हाल ही में, नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स – टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (NCRA–TIFR), पुणे के रिसर्चर्स ने एक स्पाइरल गैलेक्सी की खोज की है और इसका नाम अलकनंदा रखा है।

अलकनंदा गैलेक्सी के बारे में:

  • यह लगभग 12 बिलियन लाइट ईयर दूर है और इसका स्पाइरल स्ट्रक्चर बहुत ही खास है।
  • इसका नाम हिमालय की एक नदी अलकनंदा और मिल्की वे के हिंदी शब्द के नाम पर रखा गया है।
  • यह तारों के जन्म का एक पावरहाउस है।
  • यह हमारी अपनी मिल्की वे जैसा ही दिखता है।
  • इसे NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से खोजा गया था।
  • स्पाइरल गैलेक्सी के बारें में:
    • स्पाइरल गैलेक्सी तारों और गैस का मुड़ा हुआ कलेक्शन होती हैं।
    • स्पाइरल गैलेक्सी में, तारे, गैस और धूल स्पाइरल आर्म्स में इकट्ठा होते हैं जो गैलेक्सी के सेंटर से बाहर की ओर फैलते हैं।

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By gkvidya

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