सन्दर्भ:
: भारत के विद्युत एवं आवास मामलों के मंत्री ने हाल ही में नेपाल की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान अरुण-III जलविद्युत परियोजना (Arun-III Hydel Project) का दौरा किया, जिसका निर्माण भारतीय सहायता से किया जा रहा है।
अरुण-III जलविद्युत परियोजना के बारें में:
: यह पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में अरुण नदी पर स्थित 900 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर जलविद्युत परियोजना है।
: इसमें लगभग 70 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध और 11.74 किलोमीटर की हेड रेस टनल (HRT) के साथ एक भूमिगत पावर हाउस की परिकल्पना की गई है, जिसमें बाएं किनारे पर 225 मेगावाट की चार उत्पादन इकाइयाँ होंगी।
: इसे भारतीय सहायता से 144 बिलियन रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
: पूरा होने पर यह नेपाल की सबसे बड़ी जलविद्युत सुविधा होगी।
: इसे भारत की SJVN की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) अरुण-III पावर डेवलपमेंट कंपनी (SAPDC) द्वारा बिल्ड-ओन-ऑपरेट-एंड-ट्रांसफर (BOOT) आधार पर विकसित किया जा रहा है।
: SJVN भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
: SAPDC नेपाल सरकार को स्वामित्व हस्तांतरित करने से पहले पांच साल की निर्माण अवधि को छोड़कर 25 साल की अवधि के लिए इस सुविधा का संचालन करेगा।
: नेपाल को वाणिज्यिक संचालन के इन शुरुआती 25 वर्षों के दौरान बिजली संयंत्र में उत्पादित बिजली का 21.9% मुफ्त बिजली के रूप में मिलेगा।
: यह परियोजना भारत को अधिशेष बिजली प्रदान करेगी, जिससे नेपाल के साथ आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
: परियोजना से बिजली नेपाल के धालकेबार से भारत के मुजफ्फरपुर को निर्यात की जाएगी।