सन्दर्भ:
: भारत ने रेल आधारित मोबाइल लांचर से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण है, जो सामरिक निवारण में गतिशीलता और गुप्तता को बढ़ाता है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल के बारें में:
: अग्नि-प्राइम मिसाइल (Agni-P): अगली पीढ़ी की, परमाणु-सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल।
: यह भारत की अग्नि मिसाइल श्रृंखला का एक हिस्सा है, जिसे सामरिक बल कमान (SFC) के तहत सामरिक प्रतिरोध को मज़बूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा SFC के सहयोग से डिज़ाइन और विकसित किया गया।
: इसका उद्देश्य:-
- भारत के परमाणु सिद्धांत में लचीली, टिकाऊ और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता प्रदान करना।
- सड़क-आधारित प्रणालियों से परे प्रक्षेपण प्लेटफार्मों में विविधता लाना, ताकि पहले हमलों के विरुद्ध लचीलापन सुनिश्चित हो सके।
: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-
- रेंज: 2,000 किमी (मध्यम रेंज) तक।
- रेल-आधारित गतिशीलता: राष्ट्रीय रेल नेटवर्क पर स्वतंत्र रूप से चल सकता है, जिससे प्रक्षेपण स्थलों की भविष्यवाणी कम हो जाती है।
- त्वरित प्रतिक्रिया समय: न्यूनतम दृश्यता के साथ मिनटों में प्रक्षेपण संभव है।
- कैनिस्टराइज्ड प्रणाली: तेज़ तैनाती, भंडारण सुरक्षा और लंबी शेल्फ लाइफ सुनिश्चित करती है।
- उन्नत मार्गदर्शन: अत्याधुनिक संचार, नेविगेशन और स्वतंत्र प्रक्षेपण क्षमता।
- स्टील्थ: कम पता लगाने की क्षमता पूर्व-आक्रमणकारी हमलों के विरुद्ध उत्तरजीविता को बेहतर बनाती है।
: इसका महत्व:-
- रणनीतिक प्रतिरोध: यह भारत को रेल-आधारित कैनिस्टराइज्ड प्रक्षेपण प्रणालियों वाले चुनिंदा देशों में शामिल करता है।
- भू-राजनीतिक बढ़त: उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत की परमाणु त्रिभुज की उत्तरजीविता को बढ़ाता है।
- परिचालन लचीलापन: रेल गतिशीलता सड़क और साइलो प्रणालियों का पूरक है, जिससे शत्रुओं को निशाना बनाना जटिल हो जाता है।