सन्दर्भ:
: हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IFM) में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बारें में:
: ज्ञात हो कि वाशिंगटन डीसी स्थित IMF मुख्यालय में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक वैश्विक वित्तीय निकाय है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को मज़बूत करना और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है।
: सदस्य- वर्तमान में इसके 191 सदस्य देश हैं, और लिकटेंस्टीन 21 अक्टूबर, 2024 को इसका सबसे नया सदस्य बनेगा।
: स्थापना- 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में स्थापित, यह एक कोटा प्रणाली के माध्यम से कार्य करता है, जिसमें देश अपने कोटे के अनुपात में धन का योगदान करते हैं और मतदान शक्ति प्राप्त करते हैं।
: मिशन- IMF का मुख्य मिशन वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाना, उच्च रोज़गार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और दुनिया भर में गरीबी को कम करना है।
: भूमिका- IMF अंतिम उपाय के ऋणदाता के रूप में कार्य करता है और अक्सर उधार लेने वाले देशों से नीतिगत सुधारों की अपेक्षा करता है, जिन्हें “संरचनात्मक समायोजन” कार्यक्रम कहा जाता है।
: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रशासनिक संरचना:-
- गवर्नर बोर्ड: यह IMF का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश से एक गवर्नर और एक वैकल्पिक गवर्नर शामिल होता है।
- यह कोटा संशोधन, विशेष आहरण अधिकार (SDR) आवंटन, नई सदस्यता या सदस्यों के निष्कासन पर निर्णय लेने के लिए प्रतिवर्ष बैठक करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा एवं वित्तीय समिति (IMFC): IMFC अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय प्रणाली के प्रबंधन से संबंधित मामलों पर गवर्नर बोर्ड को सलाह देता है।
- इसके 24 सदस्य गवर्नरों में से चुने जाते हैं।
- कार्यकारी बोर्ड: वे दैनिक कार्यों के संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं और प्रबंध निदेशक के साथ मिलकर काम करते हैं।