सन्दर्भ:
: ICC ने अपने लिंग पात्रता नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लागू किया है, जिससे किसी भी खिलाड़ी को महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो पुरुष से महिला (ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों) बन गया है और किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुका है।
ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर रोक क्यों?
: ICC की नई नीति महिलाओं के खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन की रक्षा करना है।
: इसके अलावा, यौवन के दौरान स्थापित शारीरिक अंतर महत्वपूर्ण प्रदर्शन लाभ पैदा कर सकते हैं।
: टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों, ताकत और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाकर एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है।
अन्य खेल संस्थाएं क्या करती हैं?
: विश्व एथलेटिक्स (WA)- लिंग विकास में अंतर (DSD) एथलीटों को सभी स्पर्धाओं में महिला वर्ग में भाग लेने के लिए 24 महीने तक अपना टेस्टोस्टेरोन 2.5 nmol/L से कम रखना होगा।
: साइक्लिंग (UCI), तैराकी (FINA) और विश्व रग्बी के लिए विश्व शासी निकाय ने ट्रांस महिलाओं को महिलाओं की स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया।
: अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अनुसार, ट्रांसजेंडर लोगों के लिए अपने खेल में पात्रता मानदंड निर्धारित करने के लिए व्यक्तिगत संघ जिम्मेदार हैं।
फैसले का असर:
: यह फैसला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली ट्रांसजेंडर खिलाड़ी डेनिएल मैकगेही को प्रभावित करता है, जो अब महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय खेलों में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगी।
: दो साल के भीतर नीति की समीक्षा की जाएगी।