सन्दर्भ:
: गुजरात में स्वागत पहल (SWAGAT initiative) ने 20 वर्ष पूरे किए।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था:
: प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नागरिकों की दिन-प्रतिदिन की शिकायतों को त्वरित, कुशल और समयबद्ध तरीके से हल करके उनके और सरकार के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करना।
स्वागत पहल के बारें में:
: स्वागत (स्टेट वाइड अटेंशन ऑन ग्रीवन्सेज बाई एप्लीकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी) पहल की शुरुआत अप्रैल 2003 में प्रधानमंत्री द्वारा अपने मुख्यमंत्री काल में की गई थी।
: इस कार्यक्रम की शुरुआत उनके इस विश्वास से प्रेरित थी कि एक मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने राज्य के लोगों की समस्याओं को हल करना है।
: तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोदी ने अपनी तरह का पहला तकनीक-आधारित इस शिकायत निवारण कार्यक्रम को शुरू किया था।
: ‘स्वागत’ की विशिष्टता यह है कि यह आम आदमी को अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने में मदद करता है।
: समय के साथ, ‘स्वागत’ ने लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी प्रभाव डाला और यह कागजरहित, पारदर्शी एवं बाधा-मुक्त तरीके से समस्याओं को हल करने का लिए एक प्रभावी उपकरण बन गया।
: यह हर महीने के चौथे गुरुवार को आयोजित किया जाता है जिसमें मुख्यमंत्री शिकायत निवारण के लिए नागरिकों के साथ बातचीत करते हैं।
: इस कार्यक्रम के तहत, यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक आवेदक को निर्णय के बारे में सूचित किया जाए।
: सभी आवेदनों की कार्यवाही ऑनलाइन उपलब्ध होती है।
: अब तक दर्ज की गई 99% से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।
: ‘स्वागत’ ऑनलाइन कार्यक्रम के चार घटक हैं: राज्य स्वागत, जिला स्वागत, तालुका स्वागत और ग्राम स्वागत।
: राज्य स्वागत के दौरान मुख्यमंत्री स्वयं जनसुनवाई में शामिल होते हैं।
: जिला कलेक्टर जिला स्वागत का प्रभारी होता है, जबकि मामलातदार और संवर्ग-1 स्तर का एक अधिकारी तालुका स्वागत का प्रमुख होता है।
: ग्राम स्वागत में, नागरिक हर महीने की 1 से 10 तारीख तक तलाटी/मंत्री के पास आवेदन दाखिल करते हैं।
: स्वागत’ ऑनलाइन कार्यक्रम को सार्वजनिक सेवा में पारदर्शिता, जवाबदेही और अनुक्रियाशीलता को बेहतर बनाने के लिए 2010 में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार सहित कई पुरस्कार दिए गए हैं।