सन्दर्भ:
: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों की बहादुरी को मान्यता देते हुए 103 सैनिको को वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) की मंजूरी दी है।
वीरता पुरस्कार की मंजूरी से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: इनमें से चार कीर्ति चक्र, जिनमें तीन मरणोपरांत शामिल हैं, तथा अठारह शौर्य चक्र, जिनमें चार मरणोपरांत शामिल हैं, प्रदान किए गए।
: ये प्रतिष्ठित सैन्य अलंकरण विशिष्ट वीरता, पराक्रम और साहस के कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं।
: मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू और कर्नल मनप्रीत सिंह सहित अन्य को युद्ध में उनके असाधारण साहस के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
: कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है, जो दुश्मन का सामना करने या राष्ट्र की रक्षा करने में असाधारण बहादुरी को मान्यता देता है।
: ये पुरस्कार, देश के लिए अनुकरणीय सेवा का प्रदर्शन करते हुए, घुसपैठ और आतंकवादियों का पीछा करने जैसी कठिन परिस्थितियों में उनकी अटूट वीरता और नेतृत्व को उजागर करते हैं।
वीरता पुरस्कार के बारें में:
: स्वतंत्रता के पश्चात, पहले तीन वीरता पुरस्कार अर्थात् परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को स्थापित किए गए थे, जो 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माने गए।
: इसके पश्चात, अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात् अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III भारत सरकार द्वारा 4 जनवरी, 1952 को स्थापित किए गए, जो 15 अगस्त से प्रभावी माने गए।
: जनवरी, 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।
: इन वीरता पुरस्कारों की घोषणा वर्ष में दो बार की जाती है, पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।
: इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र है।