सन्दर्भ:
: एक संसदीय पैनल ने हाल ही में विदेशों में चोरी और तस्करी की गई भारतीय प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने में सहायता के लिए विरासत प्रत्यावर्तन निधि (Heritage Repatriation Fund) की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।
विरासत प्रत्यावर्तन निधि के बारें में:
: विदेश से चुराई गई भारतीय सांस्कृतिक कलाकृतियों की वसूली और वापसी की सुविधा के लिए एक प्रस्तावित वित्तीय पहल।
: प्रस्तावित- परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति।
: भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन।
: इसका उद्देश्य- अन्य देशों से चुराई गई या अवैध रूप से निर्यात की गई भारत की प्राचीन वस्तुओं को पुनः प्राप्त करने के प्रयासों का समर्थन करना।
: विशेषताएँ और कार्य:-
- वित्तपोषण स्रोत: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से निगमों, धनी व्यक्तियों और भारतीय प्रवासियों से योगदान स्वीकार करें।
- कानूनी सहायता: विवादित सांस्कृतिक वस्तुओं की कानूनी कार्रवाइयों, वार्ताओं और खरीद को वित्तपोषित करें।
- तकनीकी एकीकरण: कलाकृतियों की उत्पत्ति को प्रमाणित करने और स्थापित करने के लिए उन्नत इमेजिंग, DNA परीक्षण और AI डेटाबेस का उपयोग करें।
- रसद और संरक्षण: प्रत्यावर्तित वस्तुओं के सुरक्षित परिवहन और उचित संरक्षण के लिए धन उपलब्ध कराना।
- हेरिटेज रिकवरी टास्क फोर्स: दुनिया भर में कलाकृतियों की पहचान करने और उन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए राजनयिकों, कानूनी विशेषज्ञों और कला इतिहासकारों से मिलकर बनी एक समर्पित बहु-विषयक टीम।
- अंतर्राष्ट्रीय समझौते: अवैध तस्करी को रोकने के लिए अधिक सांस्कृतिक संपत्ति समझौतों (CPA) की वकालत करें, जो हाल ही में यूएसए के साथ किए गए समझौतों के समान हैं।